दुमका के शिकारीपाड़ा में पानी के लिए हाहाकार,आज़ादी के बाद से आज तक गढ्ढे का गन्दा पानी पीने के लिए मजबूर ग्रामवासी,बूंद बूंद के लिए तरस रहे है लोग,केवल वोट लेने के समय आते है नेता

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दुमका शिकारीपाड़ा प्रखंड में एक ऐसा मामला सामने आया है जो बेहद ही दयनीय है और सीधा राज्य के सरकार पर सवाल खड़ा कर देने वाला है जनता से वोट लेने के समय जन प्रतिनिधि बड़े बड़े दावे और जनता के लिए हर सुखः सुविधा कर देने की भाषण देते है लेकिन इसका धरातल पर देखने को कुछ ओर ही मिलता है शिकारीपाड़ा प्रखंड के गमहार पहाड़ी एक गाँव है जिसमें सैकड़ों से ज्यादा घर है हैरान कर देने वाली बात यह है कि इस गांव के लोग बड़े ही कष्ट में अपना जीवन यापन कर रहे है यहाँ के वासी सरकारी सुविधाओं से इतना ही दूर है कि कुछ कहा नही जा सकता है उसमें सबसे ज्यादा कष्ट इस गाँव वालों को पानी के लिए होती है जिसके लिए इन दिनों हाहाकार मचा हुआ है आजादी के बाद से ही आज तक यहाँ के लोग एक किलोमीटर दूर से एक गड्ढे का पानी लाकर पीते हैं और उसी गड्ढे के पानी से अपनी प्यास बुझाते है दुःख की बात यह है कि सुबह तीन बजे से उस गड्ढे का गंदा पानी को हासिल करने के लिए लाइन लगाना पड़ता है और पूरा गांव पानी के लिए लाइन में लग जाते है क्योंकि वह गड्ढा का गन्दा पानी भी खत्म हो जाता है जिससे पूरे गाँव में पानी के लिए हाहाकार मच जाता है इस मामले पर कुछ ग्रामीणों से बातचीत करने बताया कि वोट के समय नेता यहां पर आते है और फिर ग़ायब हो जाते है हमलोग पानी की बूंद बूंद के लिए तरस रहे है गांव में पानी की व्यवस्था नही रहने के कारण एक किलोमीटर दूर तक गन्दे पानी के लिए जाना पड़ता है और उसी गन्दे पानी से गाँव वाले अपनी प्यास बुझाते है

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