*सीजीपीसी ने स्पष्ट की तारीख-13 अप्रैल को मनायी जाएगी बैसाखी* *कोल्हान के विभिन्न गुरुद्वारों में बैसाखी हर्षोल्लास से मनाने के लिए तैयारियां शुरू*

बैसाखी पर्व मनाये जाने की तारीख को लेकर उत्पन्न हुए असामंजस्य पर विराम लगाते हुए सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी ने स्पष्ट कर दिया है कि आगामी 13 अप्रैल दिन शनिवार को कोल्हान के सभी गुरुद्वारों में खालसा सृजन दिवस के रूप में बैसाखी का त्यौहार मनाया जायेगा। मंगलवार को सीजीपीसी कार्यालय में बैसाखी को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी, अमृतसर के पदाधिकारियों से हुई बातचीत और नानकशाही कैलेंडर का हवाला देते हुए कमिटी के प्रधान सरदार भगवान सिंह और महासचिव अमरजीत सिंह ने स्पष्ट किया कि 13 अप्रैल को ही सभी गुरुद्वारों में बैसाखी मनाई जाएगी। सरदार भगवान सिंह ने कोल्हान की संगत और गुरुद्वारा कमिटियां किसी प्रकार के भी उहापोह में न रहते हुए 13 अप्रैल को अपने परिक्षेत्र के गुरुद्वारों में धार्मिक आस्था और श्रद्धाभाव के साथ धूम धाम से बैसाखी मनायें। महासचिव अमरजीत सिंह और गुरचरण सिंह बिल्ला ने बताया कि सभी गुरुद्वारा कमिटियों बैसाखी की तारीख के संबंध में सूचित भी कर दिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार साकची, मानगो, तार कंपनी, सोनारी, टुइलाडुंगरी, जुगसलाई, कीताडीह गुरुद्वारा कमिटियां बैसाखी पर्व के आयोजन को लेकर जोर शोर से तैयारियों में जुट गयीं हैं। गौरतलब है कि सिख समुदाय के लोग इसे खालसा सृजन दिवस नए साल के रूप में मनाते हैं। इस दिन गुरुद्वारों को सजाने के साथ-साथ वहां सबद-कीर्तन जैसे मांगलिक कार्यक्रम किये जाते हैं। लोग इस दिन को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। इस दिन सिख, गुरुद्वारों में कीर्तन आदि करने जाते हैं। बैसाखी पर गुरुद्वारों को विशेष रूप से सजाया जाता है और मत्था टेकने के बाद संगत के बीच कड़ाह प्रसाद का वितरण एवं अटूट लंगर चलाया जाता है।

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