सर्द मौसम में ‘ओले-ओले’ पर झूमा जमशेदपुर

Spread the love

  • बालीवुड गायक अभिजीत को सुनने उमड़ी भीड़, हजारों की संख्या में पहुंचे थे लोग
  • बिष्टुपुर के गोपाल मैदान में आयोजित जमशेदपुर कार्निवाल-2024 का समापन
    जमशेदपुर : सर्द मौसम में जब बालीवुड के प्रसिद्ध गायक अभिजीत ने ओले-ओले, आशिक हूं मैं, बादशाह ओ बादशाह जैसे बालीवुड नंबर वन गाना शुरू किया तो माहौल में गर्मी छा गई। गोपाल मैदान में मानो पूरा जमशेदपुर पहुच चुका था। तिल रखने तक की जगह नहीं थी। हजारों की संख्या में पहुंची भीड़ ने अभिजीत का खूब हौसला बढ़ाया। प्रशंसकों का उत्साह देख अभिजीत भी दोगुने उत्साह में प्रस्तुति दी, जिसपर तालियां व सिटी बजने के साथ-साथ लोग खूब झूमते हुए नजर आएं। बच्चे, महिला, पुरुष सभी जो जहां थे वहीं थिरक रहे थे। एक तरफ अभिजीत मंच से समा बांध रहे थे तो दूसरी ओर प्रशंसक उनकी आवाजों को अपने मोबाइल में कैद कर रहे थे। मौका था शनिवार को बिष्टुपुर स्थित गोपाल मैदान में टाटा स्टील और टाटा स्टील यूआइएसएल की ओर से आयोजित तीन दिवसीय कार्निवाल-2024 के समापन समारोह का। अंतिम दिन अभिजीत को सुनने के लिए दूर-दूर से लोग आए थे। अभिजीत का ननिहाल झारखंड के जामताड़ा है। ऐसे में वहां से भी लोग पहुंचे थे। गोपाल मैदान में अंदर से लेकर बाहर तक भीड़ उमड़ी थी। इससे बाहर में कुछ देर तक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गई। हालांकि, कार्यक्रम को लेकर पुलिस-प्रशासन भी पुख्ता तैयारी की थी, जिससे लोगों को ज्यादा परेशानी नहीं हुई। इस अवसर पर टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट (कारपोरेट सर्विसेज) चाणक्य चौधरी, टाटा स्टील यूआइएसएल के मैनेजिंग डायरेक्टर ऋतुराज सिन्हा, यूआइएसएल के सीनियर जीएम कैप्टन धनंजय मिश्रा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।

जमशेदपुर में मेरी गर्ल फ्रेंड रहती थी…सुनकर चौंक गये लोग

पहली गीत खत्म होने के बाद जब अभिजीत भट्टाचार्य ने कहा कि जमशेदपुर में उनकी गर्ल फ्रेंड रहती थी तो इसे सुनकर सभी लोग चौंक गए। इस दौरान अभिजीत ने

भीड़ से पूछा उनके घर वाले आए हैं क्या? फिर अभिजीत ने बताया कि अब उनकी गर्ल फ्रेंड यहां नहीं रहती है। उसकी शादी हो गई और अब वह यूएसएस में रहती है। इसके बाद अभिजीत ने दूसरी गीत बड़ी मुश्किल है… खोया मेरा दिल है…गाया तो उनका साथ लोगों ने दिया। आगे-आगे अभिजीत गा रहे थे और पीछे-पीछे लोग उनकी गानों को गुनगुना रहे थे, जिससे अभिजीत का जोश और भी बढ़ते गया। एक के बाद एक उन्होंने कुल 13 गीत गाएं। तीसरी गीत उन्होंने वादा रहा सनम…होंगे

जुदा ना हम… गाया तो भीड़ से ओले-ओले गीत की मांग होने लगी। इसके बाद उन्होंने चांद तारे तोड़ लाऊं… बस इतना सा ख्वाब है… ,वह लड़की जो सबसे अलग

है…,मुसाफिर हूं यारों… ना घर है ना ठिकाना…, तुम दिल की धड़कन में रहते हो…और अंतिम गाना ओले-ओले गाकर कार्यक्रम की समाप्ति की।
जब मुझे कालेज से 15 दिन के लिए कर दिया गया था सस्पेंड

कार्यक्रम के दौरान अभिजीत अपनी संघर्ष की कहानियां भी सुना रहे थे। उन्होंने कहा कि जब मैं कानपुर के एक कालेज में इंटर में पढ़ रहा था तो शिक्षक कभी-कभार गाना सुनाने को कहते थे। मैं भी सुना देता था। एक दिन आवाज तेज निकल गई और वह प्रिंसिपल तक जा पहुंची। इसके बाद मुझे 15 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया। तब मैं काफी दबाव में था। मुझे समझ में नहीं आ रहा था। लेकिन गाना मेरा शौक था और इसी क्षेत्र में आगे भी बढ़ना था। इसीलिए मैं उसे नजरअंदाज कर आगे बढ़ता गया और अब उसी स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में मुझे बुलाया जाता है। तो कहने का तात्पर्य यह है कि आप अपने लक्ष्य से नहीं भटके। रास्ते में कांटे आएंगे लेकिन उससे कैसे निकलना है यह गुण आप में होना चाहिए। तभी आपको सफलता हासिल हो सकती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *