घटना के समय घर में मौजूद वासो सोरेन की नतनी सुमन और शबनम ने बताया कि सुबह उसकी नानी कपड़ा धो कर लोहे के तार पर जब कपड़ा पसार रही थी। उसी वक्त वह अचानक तार और कपड़े के साथ बेहोश होकर गिर गई। इसी क्रम में उसकी मौसी मालती जी जब बचाने गई थी वह भी इसकी चपेट में आ गई। घटना की सूचना पाकर आस पास के लोग लकड़ी का डंडा लेकर पहुंचे ताकि तार से मृतकों के शरीर को अलग किया जा सके। मुसाबनी में एक साल पूर्व भी इसी तरह की घटना हुई थी। जिसमें एक अंचल कर्मचारी अपने घर में इसकी चपेट में आ गया था। मालूम हो कि एक सप्ताह पूर्व उपायुक्त ने भी एक विभागीय जिला स्तरीय बैठक में बरसात को देखते हुए घरों में कपड़ा पसारने के लिए उपयोग किये जाने वाले लोहे की तार को जान लेवा बताते हुए बिजली विभाग को इसका प्रचार प्रसार करने के लिए कहा था। साथ ही सहित सभी प्रखंड को भी इसके लिए प्रचार प्रसार करने को कहा था। पंरतु बिजली विभाग और प्रखंड के पदाधिकारी ने इसको लेकर कोई प्रचार नहीं किया।