प्रेस वार्ता कर उन्होंने बताया कि बैठक के दौरान मानगो गुरुद्वारा प्रधान भगवान सिंह ने बाहरी लोग और असामाजिक तत्वों को बुलाकर जबरन हंगामा करवाया ताकि बैठक को भंग किया जा सके. उन्होंने बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य नगर कीर्तन और आगामी चुनाव को लेकर था जिसमे सभी गुरुद्वारा के प्रधान और महासचिव को बुलाया गया था पर भगवान सिंह दूसरे समाज के लोगों को भी साथ ले आए थे. उन्होंने कहा कि सीजीपीसी के संविधान के अनुसार ही चुनाव किया जाना है. वे मानते है कि 21 अगस्त 2021 को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो चुका है पर सीजीपीसी का चुनाव कोरोना काल के कारण नहीं हो सका. प्रशासन ने उन्हे अनुमति नहीं दी. अब इसको लेकर 20 अक्टूबर को पटना साहिब में बैठक होगी जिसके बाद वे सभी प्रधान और महासचिव के साथ बैठक करेंगे. वहीं दूसरी ओर भगवान सिंह ने पटना साहिब से जो चिट्ठी आई है उसको लेकर हुआ है रविंदर सिंह पटना साहिब से सूचित किया है उसमें केवल 4 दिन के लिए संचालन समिति को बर्खास्त किया गया था जबकि 20 तारीख को फिर से बैठक होगी और उसके बाद आगे जो भी अकाल तख्त का निर्णय आएगा उसे हम लोग मानने को तैयार इधर उन्होंने कहा कि गुरु गुरुमुख सिंह मुख्य का पहले से ही अपराधिक इतिहास है उनके द्वारा ही सारे विवाद खड़ा किया गया था जबकि उनका कार्यकाल खत्म हो चुका है और उनको मीटिंग बुलाने का कोई हक नहीं है,