“टाटा स्टील दलित निबंधित कर्मचारी पुत्र संघ” की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित

जमशेदपुर भालूबासा स्थित मिस्टी इन होटल में “टाटा स्टील दलित निबंधित कर्मचारी पुत्र संघ” की ओर से एक प्रेस वार्ता आयोजित की गईजिसमे पूर्व मंत्री दुलाल भुइयां में शामिल हो कर इस प्रेस वार्ता में संघ के अध्यक्ष चैतन चौसा मुखी ने अपने संबोधन में कहा कि टाटा कम्पनी के मैनेजमेंट और टाटा वर्कर्स यूनियन के उदासीन रवैया हमलोग काफी आहत एवं दुखी हैं। दलित, आदिवासी,साफ सफाई निबंधित आश्रित कर्मचारी मिलकर 3 मार्च 2022 को एक जोरदार प्रदर्शन किया जाएगा। इस संगठन में अधिकांशतः, हेल्थ डिपार्टमेंट में कार्य करने वाले कर्मचारी के आश्रित हैं। हमलोगों के बाप-दादाओं ने टाटा कम्पनी के स्थापना काल से साफ-सफाई का कार्य मैनूयली रूप से करते आये हैं। फिर टाटा कम्पनी ने इस हेल्थ विभाग को बंद कर सन् 2004 में जुस्को हेल्थ विभाग बनाया और नेचर ऑफ परमानेन्ट जॉब को नेचर ऑफ टेम्पोररी जॉब के तहत् लोगों से काम लिया गया। हमारे निबंधित पुत्रों के रजिस्ट्रेशन स्लीप के अन्तर्गत मैट्रिक पास को अनिवार्य किया गया, ताकि अधिकांश दलित आदिवासी,मूलवासी सफाई कर्मचारी के निबंधित पुत्र स्वतः बाहर हो जाएं। टाटा कम्पनी के मैनेजमेंट और टाटा वर्कर्स यूनियन में एक भी दलित आदिवासी, मूलवासी नहीं है, जबकि यह झारखण्ड का सबसे बड़ा स्टील का कारखाना है। टाटा कम्पनी के मैनेजमेंट और टाटा वर्कर्स यूनियन ने बिहार, उत्तरप्रदेश से अधिकांश लोगों को बुलाकर नौकरी दी है दलित आदिवासी मूलवासियों को नौकरी से वंचित कर रखा है। हमारी माँग है अनपढ़ और जिनकी उम्र सीमा खत्म हो चुकी है, उन्हें पैकेज दे दिया जाय।

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