
उन्होंने कहा कि वे सुंदरनगर थाना से लेकर वरीय पुलिस अधीक्षक तक कई बार शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक प्रशासनिक स्तर पर कोई ठोस पहल नहीं की गई है।
विनोद कर ने कहा कि 15 सितंबर की रात करीब 9:30 बजे कालियाबेड़ा से फोन आया कि सूरज का सड़क हादसा हो गया है। परंतु टीएमएच के डॉक्टरों ने स्पष्ट कहा कि चोटें दुर्घटना की नहीं हैं, जिसके बाद सूरज को ओडिशा रेफर किया गया। वहां के डॉक्टरों ने भी यही राय दी कि मामला एक्सीडेंट का नहीं, बल्कि संदिग्ध है। उन्होंने आरोप लगाया कि सूरज की हत्या एक सोची-समझी साजिश के तहत की गई है।
सूरज की मां संगीता कर सहित परिजन का रो-रोकर बुरा हाल है। परिवार ने सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि जब तक निष्पक्ष जांच नहीं होती, वे न्याय के लिए संघर्ष जारी रखेंगे। विनोद कर ने कहा कि वे शीघ्र ही कोल्हान डीआईजी और डीजीपी से मिलकर पूरे मामले से अवगत कराएंगे।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जल्द निष्पक्ष जांच शुरू नहीं हुई तो वे झारखंड हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। परिजनों ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है ताकि मृतक सूरज कर को न्याय मिल सके।

