
वह मानगो चौक पर ‘एशियन इंटरनेशनल’ नामक कार्यालय चलाता था, जहां से पासपोर्ट और वीजा से संबंधित काम किए जाते थे। मुंबई पुलिस ने उसे 26 अक्तूबर को गिरफ्तार कर पहले मानगो थाना लाया और 27 अक्तूबर को कोर्ट में पेश करने के बाद ट्रांजिट रिमांड पर मुंबई ले गई।
पुलिस ने उसके कार्यालय से चार हार्ड डिस्क, एक लैपटॉप, एक सीपीयू और कई संदिग्ध दस्तावेज जब्त किए हैं। सूत्रों के अनुसार, मोनाजिर का आपराधिक रिकॉर्ड पहले से रहा है। वर्ष 2017 में उसने मानगो अधिसूचित क्षेत्र समिति (एमएनएसी) कार्यालय में घुसकर कंप्यूटर की हार्ड डिस्क तोड़ चोरी की थी। उस मामले में उलीडीह थाना पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेजा था।
इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने पहले आदिल हुसैन को गिरफ्तार किया था, जबकि उसके भाई अख्तर हुसैन को मुंबई पुलिस की स्पेशल सेल ने पकड़ा। पूछताछ में दोनों ने मोनाजिर खान का नाम बताया, जिसके बाद मुंबई पुलिस जमशेदपुर पहुंची। जांच में यह भी सामने आया कि मोनाजिर ने अख्तर हुसैन के लिए ‘एलेक्जेंडर’ नाम से फर्जी पासपोर्ट और वीजा बनवाया था। जानकारी के मुताबिक, अख्तर हुसैन का नाम वर्ष 2004 के परमाणु जासूसी प्रकरण में भी जुड़ा था।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मोनाजिर अपने भाई दानिश खान के साथ यह पासपोर्ट-वीजा रैकेट चला रहा था। दानिश मानगो स्थित स्काई वर्ल्ड ऑफिस से विदेश भेजने का काम करता है। मोनाजिर विदेशी कंपनियों की भर्ती की जानकारी दानिश को देता था, और दानिश नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये वसूलता था। दोनों पिछले 15 वर्षों से इस नेटवर्क को चला रहे थे।
बताया जा रहा है कि मोनाजिर और उसके भाई ने पिछले पांच वर्षों में करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की है। उसके पिता और भाई की मोबाइल दुकान से भी पुलिस ने कुछ दस्तावेज जब्त किए हैं। वहीं, जाकिरनगर के स्थानीय लोगों को उसकी गिरफ्तारी की जानकारी नहीं थी। परिजनों ने इसे छिपाए रखा, और गिरफ्तारी के अगले दिन भी उसका कार्यालय खोला गया ताकि किसी को शक न हो।
