
जानकारी के अनुसार सौरव ने कुछ समय पहले अपना मकान करीब 18 लाख रुपये में बेचा था। इस दौरान कदमा निवासी मनीष ने दोस्ती के नाम पर करीब पांच लाख रुपये चुकाए थे। आरोप है कि पूरी रकम का हिसाब न होने पर दोनों के बीच विवाद गहराता चला गया।पीड़ित पक्ष का कहना है कि कुछ दिन पहले मनीष ने सौरव को कदमा थाना में पुलिस के हवाले कर दिया था, जहाँ पुलिसकर्मियों ने उसकी पिटाई भी की थी। मामला शांत होने के बाद भी पैसों को लेकर तनातनी बनी रही।बताया जाता है कि बीते दिन जब सौरव ने बकाया रकम मांगी तो मनीष अपने दोस्तों के साथ पहुंच गया। आरोप है कि मनीष ने कार से सौरव को बाहर खींचकर जमकर मारपीट की। किसी तरह जान बचाकर सौरव पास के कदमा के.डी. फ्लैट की छत पर चढ़ गया और परिजनों को फोन किया।सूचना मिलने पर परिजन मौके पर पहुंचे और घायल सौरव को सीधे कदमा थाना लेकर गए। लेकिन परिजनों का आरोप है कि थाना प्रभारी ने मामला दर्ज करने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि यह घटना बिरसानगर थाना क्षेत्र की है।फिलहाल पीड़ित परिवार एसएसपी से न्याय की गुहार लगाने की तैयारी में है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि थाना स्तर पर ऐसी घटनाओं की अनदेखी से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं। पुलिस प्रशासन से पीड़ित परिवार ने उचित कार्रवाई की मांग की है।