
झारखंड में नई शराब नीति के दुष्परिणाम सामने आने लगे हैं. मंगलवार की रात सरायकेला के चांडिल प्रखंड के रुचाप पंचायत अंतर्गत डैम रोड स्थित आदर्श कॉलोनी के पास विदेशी शराब दुकान के विरोध में ग्रामीणों का गुस्सा फूट पड़ा. सैकड़ों की संख्या में महिला- पुरुष सड़क पर उतर आए और दुकान में ताला जड़कर मैनेजर सहित तीन स्टाफ को अंदर ही बंधक बना लिया. सूचना मिलते ही चांडिल पुलिस मौके पर पहुंची और काफी प्रयास के बाद बंधकों को सुरक्षित बाहर निकालकर थाने ले गई. ग्रामीणों ने कहा कि घनी आबादी, स्कूल और मंदिर के पास शराब दुकान संचालन किसी भी हाल में स्वीकार्य नहीं है. उनका आरोप है कि सोमवार को मुखिया प्रतिनिधि बोनू सिंह की मौजूदगी में महिलाओं ने दुकान में ताला जड़ा था, लेकिन प्रशासन और आबकारी विभाग ने बिना पंचायत से संवाद किए अगले दिन गुपचुप तरीके से दुकान खोलने का प्रयास किया. इससे नाराज ग्रामीणों ने मुख्य सड़क को जाम कर प्रशासन और जनप्रतिनिधियों के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने रांची सांसद संजय सेठ और ईचागढ़ विधायक सबिता महतो का पुतला फूंका. उन्होंने आरोप लगाया कि दोनों जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों की भावनाओं की अनदेखी की है. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने स्पष्ट कहा कि शराब से सामाजिक बुराइयाँ फैल रही हैं और युवाओं का भविष्य खतरे में है. यदि दुकान को आदर्श कॉलोनी से स्थानांतरित नहीं किया गया, तो आंदोलन और उग्र होगा. ग्रामीणों ने याद दिलाया कि वे पहले भी जिला उपायुक्त, आबकारी अधीक्षक, अनुमंडल पदाधिकारी और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया. उनका कहना है कि जब तक शराब दुकान को हटाया नहीं जाता, आंदोलन जारी रहेगा.