जमशेदपुर
जब प्रधानमंत्री रविवार को जमशेदपुर दौरे पर घाटशिला पहुंचे. कुणाल ने अपना इस्तीफा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी को सौंपा है. अपने इस्तीफे की वजह कुणाल ने पार्टी में खुद की उपेक्षा बताया है. रविवार को प्रेस कांफ्रेंस कर कुणाल षाड़ंगी ने बताया कि पिछले छः महीने से जिले में सांगठनिक स्तर पर पार्टी के समर्पित कार्यकर्ताओं को दरकिनार किया जा रहा है. पिछले विधानसभा चुनाव में पार्टी गतिविधियों में शामिल कार्यकर्ताओं को तरजीह दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि उनके स्तर से प्रदेश अध्यक्ष से लेकर संगठन मंत्री को अवगत कराया गया बावजूद इसके उनकी बातों को तरजीह नहीं दी गई. उन्होंने बताया कि लोकसभा चुनाव की घोषणा के बाद से उन्हें दरकिनार किया गया. प्रधानमंत्री के कार्यक्रम की भी उन्हें जानकारी नहीं दी गई, जबकि उनके गृह क्षेत्र में पीएम का कार्यक्रम था. उन्होंने कहा कि बीजेपी के कार्यालय में जिस तरह से मारपीट की घटना घटी वह पार्टी के लिए खतरे की घंटी है. उन्होंने कहा कि मैंने पार्टी नहीं छोड़ी है मैं पार्टी का सिपाही हूं, शीर्ष नेतृत्व को आगाह कर रहा हूं यदि मेरी बातों से पार्टी आलाकमान को बुरा लगता है तो इसमें मेरा कोई दोष नहीं है. लोकसभा चुनाव में टिकट के महत्वाकांक्षा के सवाल उन्होंने कहा कि इसमे मेरा क्या गुनाह है ? क्या पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता होने के नाते टिकट की महत्वाकांक्षा रखना गुनाह है. कोविड काल मे उनके द्वारा पार्टी लाइन से ऊपर उठकर जनता की सेवा की क्या ये उनका गुनाह है ? क्या पार्टी के आंतरिक सर्वे में टिकट के प्रबल दावेदार के रूप में उनका नाम सामने आना गुनाह है. जिले के सैकड़ों कार्यकर्ताओं की बातों को प्रदेश के नेताओं तक पहुंचाता हूं ये मेरा गुनाह है. यदि ये गुनाह है तो मैं गुनाहगार हूं. मैं इस गुनाह की सजा भुगतने के लिए तैयार हूं, मगर आत्मसम्मान के साथ समझौता नहीं कर सकता.