
ह्यूमन राइट्स कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष मनोज मिश्रा ने बताया कि इस संबंध में उन्होंने निर्वाचन आयोग को संबोधित ज्ञापन मंगलवार को डीसी अनन्य मित्तल को सौंपा। इसमें कहा गया है कि अगर जेल के कैदी चुनाव में उम्मीदवार बन सकते हैं तो उन्हें मताधिकार का भी प्रयोग करने देना चाहिए। उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग 5 साल के अंदर पार्टी के घोषणा पत्र की समीक्षा करे। अगर किसी पार्टी ने अपने घोषणा पत्र में किए वादे पूरे नहीं किए हैं। तो उस पार्टी पर कार्रवाई होनी चाहिए।