रमजान के पहले जुमे की नमाज हजारों लोगों ने सभी मस्जिदों में अदा की। लोगों ने अपने गुनाहों से तौबा की. नमाजियों की संख्या ज्यादा होने के चलते कड़ी धूप में भी मस्जिदों के बाहर और छतों पर सफें बिछाकर लोगों ने नमाज अदा की.

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जुमे की तकरीरों में रमजान की अहमियत बताई गई. मानगो के ज़ाकिर नगर स्थित मस्जिद में उम्मे खलील में पेश इमाम मौलाना जकी हैदर ने अपने जुमा के खुतबे में कहा कि रमजान उल मुबारक कुरान ए करीम की बहार का महीना है. इस महीने में कुरआने करीम की ज्यादा से ज्यादा तिलावत करनी चाहिए। साथ ही रोज अपने कामों का आकलन करें कि आज कितना अच्छा और कितना खराब काम किया। दिन-ब-दिन अपने अंदर सुधार लाएं। हजरत मोहम्मद मुस्तफा सल्लल्लाहो व आलेही वसल्लम ने कहा है कि अक्लमंद वह शख्स है जो नेक काम की तरफ बढ़े। अच्छा अमल अंजाम दे। जो शख्स अपने नफ़्स की ख्वाहिशों की पैरवी करे वह बेवकूफ इंसान है। मौलाना ज़की हैदर साहब ने कहा कि इमाम जाफर सादिक अलैहिस्सलाम ने फरमाया कि अकलमंद वह इंसान है जो अपने नेक काम से जन्नत हासिल कर ले। उन्होंने कहा कि इस महीने में जिक्रे खुदा हो. अगर लोगों के दिल में जिक्रे खुदा और खुद का खौफ हो तो वह इंसान गुनाहों से दूरी अख्तियार करता है. इंसान इस गुमान में ना रहे कि अभी बहुत जिंदगी है. तौबा कर लेंगे. मौत तौबा की मोहलत नहीं देती. इसलिए जल्दी से जल्दी तौबा करें और नेक काम अंजाम दें। मस्जिदों में पेश इमामों ने देश-दुनियां और समाज की खुशहाली की परवरदिगार से दुआ की. इस पर सैकड़ों रोजेदारों ने एक आवाज में ‘आमीन’ कहा. इसके साथ ही नगर निगम की ओर से सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त रही. वहीं सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए मस्जिदों के आस-पास पुलिसकर्मी तैनात रहे. मानगो के बारी मस्जिद के पास भी पुलिस की तैनाती की गई थी. शुक्रवार को माह-ए-रमजान के पहले जुमे की तैयारियां सुबह से ही शुरू हो गई. इस दौरान नमाजियों में खासा उत्साह देखने को मिला. अकीदतमंद बच्चों को साथ लेकर मस्जिदों में पहुंचे.

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