उक्त समुदाय पर अनेक वर्षो से हो रहे दरिन्दगी के
समाचार विभिन्न माध्यामों से आने लगे हैं।
तदानुसार इन अमानवीय घटना का खुलासा तब होने लगा जब आज से 50 दिन पहले ई.डी. के अधिकारियों पर जमकर प्राणघातक हमले होने के बाद शहजाद शेख के फरार होने की जानकारी मिली। राजनीतिक, धार्मिक कारणों से प्रेरित ये कृत्य पुलिस प्रशासन एवं बच्चों और पश्चिम बंगाल सरकार की नाकामी को उजागर करता है। महिलाओं, विशेष कर अनुसूचित जाति के साथ बर्बतापूर्ण व्यवहार, यौन उत्पीड़न, मार-पीट की अनेकों घटनाऐं लगातार निकल कर सामने आ रही अपराधियों द्वारा जमीन हड़पने के कितने मामले लगातार उजागर हो है। रहे है। इन घटनाओं से पश्चिम बंगाल की महिलाओं एवं बच्चों की सुरक्षा की स्थिति इतनी भयानक है कि कई दिनों से स्थिति चिंताजनक हो गई है। हो रहे अत्याचारों की घटनाओं के बाद भी पुलिस ने कोई एफ.आई.आर. दर्ज नहीं की थी । राजनैतिक, धार्मिक, आर्थिक मुद्धों में महिलाओं एवं बच्चों को निशाना बनाना, अत्यंत अमानवीय, अपमानजनक एवं पीड़ादायक है।
मानवता को नराधमों की शिकार होने के विरोध में दरिदों तथा पश्चिम बंगाल सरकार को चलने केऔचित्य पर कठोर निर्णय लें।