आदित्यपुर नगर निगम के खिलाफ फूटा वार्ड 17 की जनता का आक्रोश

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SARAIKELA

पानी के लिए नगर निगम कार्यालय पर किया जोरदार प्रदर्शन

खोया संतुलन, गाली- गलौज और देख लेने की धमकी पर उतरी जनता, नदारद रही पूर्व पार्षद

गर्मी की आहट पड़ते ही सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम वार्ड- 17 की जनता इस बार आर- पार की लड़ाई लड़ने का मन बना चुकी है. वार्ड की जनता गुटों में बंटकर अलग- अलग तरीके से विरोध जता रही है. पिछले दिनों जहां पूर्व पार्षद नीतू शर्मा ने नगर निगम के प्रशासक और जिले के उपायुक्त से मुलाकात कर वार्ड में टैंकर से जलापूर्ति की संख्या में बढ़ोतरी की मांग की थी वहीं कुछ लोग इसे आंदोलन की शक्ल देने की तैयारी में जुट गए. आपको बता दें कि वार्ड 17 ड्राई जोन के रूप में चिन्हित है. यहां नगर निगम द्वारा गर्मी के मौसम में टैंकर से जलापूर्ति करायी जाती है. पाइपलाइन के जरिये जलापूर्ति योजना के धरातल पर नहीं उतरने से लोगों में नाराजगी है. बता दें कि वार्ड 17 एक बड़ा रिहायशी इलाकों में गिना जाता है. यहां ज्यादातर लोग अपने- अपने घरों में किराएदारों को रखते हैं. टैंकर से पानी पहुचते ही रसूखदारों में मोटर के जरिये पानी लेने की होड़ मच जाती है. बावजूद इसके नगर निगम द्वारा लगातार इस वार्ड में जलापूर्ति सुनिश्चित करायी जा रही है. गुरुवार को नगर निगम के प्रशासक ने पूरे नगर निगम को तीन जोन में बांटकर जलापूर्ति सुनिश्चित कराने का भरोसा दिलाया है. इधर शुक्रवार को वार्ड 17 की जनता नगर निगम का घेराव करने पहुंच गई. जहां उन्हें गेट पर ही रोक दिया गया जिससे जनता भड़क गई और नगर निगम के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं उनके द्वारा गेट पर तैनात सिक्योरिटी गार्ड और कर्मियों को गाली गलौज और देख लेने की धमकी भी दी गई. पहले आप उन तस्वीरों को देखिये…

आपको बता दें कि ये सभी संभ्रांत जनता हैं. इनमें कोई शिक्षाविद हैं तो कोई सरकारी विभाग के ऊंचे ओहदे से सेवानिवृत्त हुए हैं. कुछ राजनीति में रुचि लेते हैं तो कुछ सामाजिक कार्यकर्ता होने का दंभ भरते हैं. हालांकि इनकी हरकतों को देख कहीं से ऐसा नहीं लगता कि ये बुद्धिजीवी और संभ्रांत व्यक्ति हैं. आंदोलन कई होते हैं मगर आंदोलन में यदि फूहड़ता आए तो उस आंदोलन को गुंडागर्दी की संज्ञा दी जाती है. इनके इस हरकतों को लेकर नगर निगम के प्रशासक गंभीर हैं संभवतः इस मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. वैसे इनके साथ पूर्व पार्षद की गैरमौजूदगी कहानी कुछ और ही बयां करती है. अंदरखाने की माने तो पूर्व पार्षद नीतू शर्मा को इस आंदोलन से अलग रखा गया है. इनमें से कुछ ऐसे भी लोग हैं जो आगामी नगर निगम चुनाव में किस्मत आजमाने की ख्वाहिश रखते हैं.

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