21 मांगों को लेकर देश के केंद्रीय ट्रेड यूनियन, स्वतंत्र फेडरेशन एवं संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार को औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण बंदी का असर जमशेदपुर में देखने को मिला.

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जमशेदपुर

देश में बढ़ते महंगाई, बेरोजगारी, कानूनो का उल्लंघन, अमीर परस्त नीति, पूंजीपतियों को राहत, करों का बोझ, सब्सिडी और सामाजिक सुरक्षा में कटौती, वेतन में कमी, जन अधिकार एवं जनवादी आंदोलन को कुचलने की कोशिश तथा आस्था के नाम पर मेहनतकशों को बांटने सहित कुल 21 मांगों को लेकर देश के केंद्रीय ट्रेड यूनियन, स्वतंत्र फेडरेशन एवं संयुक्त किसान मोर्चा के संयुक्त आह्वान पर शुक्रवार को औद्योगिक हड़ताल और ग्रामीण बंदी का असर जमशेदपुर में देखने को मिला. जहां सभी ट्रेड यूनियनों एवं संयुक्त किसान मोर्चा ने एकजुट होकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस संबंध में जानकारी देते हुए इंटर के प्रदेश अध्यक्ष राकेशेश्वर पांडे ने बताया कि केंद्र सरकार की दमनकारी नीतियों के कारण आज देश का हर वर्ग बेहाल है. हम लोग अपनी मांगों को विभिन्न पटल पर रख रहे हैं मगर तानाशाह सरकार हैक्य झुकने का नाम नहीं ले रही है. देश के मजदूर बेहाल हैं. किसान लगातार आंदोलन रथ हैं. उन्हें दिल्ली जाने से रोका जा रहा है इससे बड़ी त्रासदी और क्या हो सकती है उन्होंने कहा कि आने वाले समय में इसका परिणाम केंद्र सरकार को भुगतना होगा वही. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव अंबुज ठाकुर ने बताया कि मोदी सरकार के इशारे पर देश के मजदूर एवं गरीबों का शोषण हो रहा है. पूंजीपतियों को सरकारी संपत्तियों आने-पौने दामों में बेची जा रही है. किसानों के साथ धोखा हो रहा है. श्रम कानून में बदलाव कर केंद्र सरकार देश के सभी वर्ग के मजदूरों के साथ नाइंसाफी कर रही है. ऐसे कई मांग है जिसको लेकर यह हड़ताल बुलाई गई है. आने वाले दिनों में इसके व्यापक परिणाम सामने आएंगे. वहीं मजदूर नेता विश्वजीत रॉय ने केंद्र सरकार पर तीखे हमले करते हुए कहा कि केंद्र की भाजपा सरकार को देश के गरीबों से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा कि आज सभी ट्रेड यूनियन एकजुट होकर महंगाई, बेरोजगारी, गरीबों- किसानों को मिलने वाली सब्सिडी समाप्त किए जाने, जीएसटी का अतिरिक्त भार लगाए जाने, कॉरपोरेट और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने, वरिष्ठ नागरिकों का अधिकार छीने जाने, कॉर्पोरेट के हाथों में जल- जंगल जमीन और राष्ट्रीय संपदा को बेचे जाने, उन्हें करो में रियाते दिए जाने से देश आर्थिक रूप से गुलामी की ओर बढ़ रहा है. इसमें सभी को केंद्र सरकार के खिलाफ आगे आना होगा. इसी निमित्त आज या बंदी बुलाई गई है आने वाले दिनों में इसमें और व्यापक तीव्रता लाई जाएगी.

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