
बता दें बांस के लकड़ी कों काटकर अलग अलग तरह से काटकर ये पंडाल तैयार किये जाते हैं, वैसे सरस्वती पूजा जमशेदपुर शहर मे धूम धाम से मनाया जाता है, जहाँ कई स्थानों पर बड़े पंडालों का निर्माण होता है, वहीँ स्कुल कालेज एवं मुहल्लों मे भी छोटे एवं माध्यम आकर के पंडाल स्थापित कर माता की पूजा की जाती है, ऐसे मे इन दिनों तैयार पंडाल यानी रेडीमेड पंडाल भी काफ़ी प्रचलन मे है, घरों से लेकर मुहल्लों और स्कुल कालेजों मे श्रद्धालु इन पंडालों का इस्तेमाल करते हैं जिनमे माता की छोटी बड़ी प्रतिमाएँ रखकर पूजा अर्चना की जाती है, बांस के कारीगर इन दिनों इन पंडालों कों तैयार करने मे जुटे हैं, कारीगरों के अनुसार 600 रूपए से लेकर 5 हजार रूपए तक के पंडाल इनके द्वारा बनाये जाते हैं, साथ ही ग्राहकों के अनुसार पंडाल का डिजाइन भी तैयार किया जाता है, वैसे इनके अनुसार पहले की अपेक्षा मेहँगाई के कारण पंडालों के दामों मे थोड़ा इज़ाफ़ा ज़रूर हुआ है लेकिन तैयार पंडाल होने के कारण इनके बिक्री मे कमी नहीं हुई है.