सीजीपीसी पर अनुचित पोस्ट के लिए सोनारी गुरुद्वारा प्रधान को करना पड़ा विरोध का सामनासंगत जब चाहे सीजीपीसी से ले सकती है हिसाब: भगवान सिंह

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अनजाने में हुई भूल के लिए क्षमापार्थी हूँ: तारा सिंह

सेंट्रल गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (सीजीपीसी) ने सोनारी गुरुद्वारा प्रधान तारा सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर अनुचित पोस्ट डाले जाने पर कड़ा ऐतराज जताते हुए उनसे दुष्प्रचार किये जाने पर जवाब माँगा है। बुधवार को प्रधान भगवान सिंह के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान तारा सिंह द्वारा सोशल मीडिया पर अनुचित पोस्ट डालने पर उनसे मिलकर इस कृत्य के लिए कड़ा विरोध जताया।
सरदार भगवान सिंह ने विरोध स्वरुप तारा सिंह से पूछा कि ऐसी क्या विकट परिस्थिति आ गयी थी की उनको यह आपत्तिजनक पोस्ट सोशल मीडिया पर डालने को मजबूर हो गए। भगवान सिंह ने कहा की वे सीजीपीसी को पत्र लिख या स्वयं कार्यालय आकर नगर कीर्तन का हिसाब पूछ सकते थे। केवल उनको ही नहीं बल्कि गुरुप्यारी साध संगत को पूरा अधिकार है कि वे आय-व्यय का हिसाब सीजीपीसी के पूछ सकते हैं परन्तु उसका भी एक संवैधानिक तरीका होता है। किन्तु सोशल मीडिया के जरिये दुष्प्रचार कर हिसाब-किताब की बात करना एक ओछी बात है। सीजीपीसी के चेयरमैन सरदार शैलेन्द्र सिंह ने भी तारा सिंह समझाया कि अपनी बात रखने के लिए वे सीधे तौर पर सीजीपीसी प्रमुख से बात कर सकते थे परन्तु लोकप्रियता पाने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाना सही नहीं है। महासचिव गुरचरण सिंह बिल्ला, सुखविंदर सिंह राजू , कुलदीप सिंह शेरगिल, गुरनाम सिंह बेदी, सुखदेव सिंह बिट्टू, ज्ञानी कुलदीप सिंह, अमरजीत सिंह भामरा, जसवंत सिंह, गुरदयाल सिंह ने भी विरोध में तारा सिंह से कहा वे कौम को हाशिये पर न लायें।
सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान सरदार तारा सिंह ने भी कहा संगत को सीजीपीसी के आय-व्यय जानने के अधिकार है परन्तु पोस्ट डाले जाने पर उन्होंने अपनी गलती का अहसास करते हुए अनजाने में भूल बताकर खुद को क्षमापार्थी बताया।
गौरतलब है कि सोनारी गुरुद्वारा के प्रधान सरदार तारा सिंह ने सोशल मीडिया पर सीजीपीसी को लेकर एक अनुचित पोस्ट किया था जिसके फलस्वरूप सीजीपीसी ने विरोधभाव अख्तियार करते हुए तारा सिंह से जवाब तलब किया गया।

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