जमशेदपुर
घर से मीना देवी और उनकी पोती कविता कुमारी को बाहर कर मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में नीलाम लेने वाले रंजन कुमार को घर सौंप दिया गया है। घर खाली कराने के लिए डीआरटी के एडवोकेट कमिश्नर ने एक प्रतिनिधि नियुक्त किया था। उनके प्रतिनिधि और जिला प्रशासन की तरफ से तैनात मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में मीना देवी का घर खाली कराया गया है। डीआरटी की तरफ से नियुक्त किए गए प्रतिनिधि ने बताया कि वह कोर्ट के आदेश पर आए हैं और उन्होंने साथ आए डॉक्टर से मीना देवी का चेकअप कराया। घर में रहने वाली मीना देवी पूरी तरह फिट हैं। उन्हें स्वास्थ्य संबंधी कोई समस्या नहीं है। इसीलिए घर खाली कराकर नीलामी लेने वाले व्यक्ति रंजन कुमार को सौंप दिया गया है। जबकि, मीना देवी की पोती कविता कुमारी का कहना है कि किसी ने फ्रॉड करके उनके घर के नाम पर लोन लिया है। यह फर्जी लोन है। कविता कुमारी का कहना है कि उन्होंने यूनियन बैंक को सारे दस्तावेज दिखाए थे। बैंक आफ इंडिया सारे बैंकिंग सिस्टम का नोडल है। बैंक आफ इंडिया के अधिकारियों को भी कविता कुमारी ने घर के कागजात दिखाए थे और बताया था कि यह फर्जी लोन है। वह प्रशासनिक अधिकारियों से भी मिली थीं। कविता कुमारी का कहना है कि डीआरटी में एक तरफा आदेश कर घर को नीलाम कर दिया गया। उनकी नहीं सुनी गई। नियमानुसार उन्हें डीआरटी जाने का मौका देना चाहिए था। उनकी दादी मीना देवी बीमार हैं। ऐसे में नियमों का उल्लंघन कर उनका घर खाली कराया गया है। अब मामले की सच्चाई क्या है यह जांच के बाद ही पता चलेगा।