जमशेदपुर,
प्रेस कांन्फ्रेंस के माध्यम से कृष्णा लोहार और दीपक रंजीत ने कहाँ किया जनतांत्रिक महासभा मजदूरों के समस्या को लेकर पिछले कई महीनों से लगातार शक्रिय है. चरणबद्ध आंदोलन का द्वारा जारी है. टीएसडीपीएल कंपनी में हुड़का जाम कार्यक्रम करने के बाद भी कम्पनीन्ने अभी तक कंपनी ने कितने लोगों का बहाली किया उसका सूची नहीं दिया. कितने स्थानीय लोगों को परमानेंट किया उसका सूची नहीं दिया. जो लोग गलत तरीके से स्थानीय नीति प्रमाण पत्र बनाया है उसका जाँच नहीं करवाया. 15 सालों के काम कर रहे झारखंडी मजदूरों को परमानेंट नहीं कर दो तीन साल पहले बिहार यूपी से काम करने आए मजदूरों को परमानेंट कर दिया जा रहा है. इन्ही सब समस्या को दूर करने के लिए. झारखंडी मजदूरों को 40 हजार तक के नौकरी में प्रथमिकता के कानून बनाया. लेकिन टाटा कंपनी के कुछ अधिकारी और यूनियन के गठजोड़ से अन्य राज्यों से काम करने आए मजदूरों को टीएसडीपीएल कंपनी में परमानेंट कर झारखंड सरकार के कानून का अवहेलना किया जा रहा है. इसके खिलाफ आगे का रणनीति बनाने के लिए 10 दिसंबर को आयोजित मजदूर संसद में चर्चा किया जाएगा.
साथ ही डिमना क्षेत्र में लगभग 35 कंपनी है. जो स्थानीय मजदूरों को 75% प्रथमिकता कानून के दायरे के अंतर्गत आता है. लेकिन सिर्फ 3 कंपनियों ने अपना डेटा कार्यालय में सब्मिट किया है. और जो डेटा दिया है व भी काफ़ी पुराना है. त्रिवेणी जैसे कंपनी में 2-3 साल काम करने के बाद भी वहा के कई मजदूरों का पीएफ इएसआई कार्ड तक नहीं बना है. और नेशनल हाइवे स्थित बाकि 33 कंपनियों ने तो अभी तक कोई डेटा ही जमा नहीं करवाया है. स्थानीय मजदूरों को प्रथमिकता कानून का खुल्लम खुल्ला अवहेलना किया जा रहा है. इन्ही सब मुद्दों को लेकर 10 दिसंबर को आयोजित मजदूर संसद में चर्चा किया जाएगा.
प्रेस कांन्फ्रेंस में मुख्य रूप से कृष्णा लोहार, अजित तिर्की, दीपक रंजीत, बीरेंद्र कुमार, सुनील हेब्रम, सोमनाथ मुख़र्जी, सागर पाल, घशीराम सिंह आदि लोग उपस्थित थे.