रिपोर्टर – जितेंन सार/ बुंडू
शहर में जहां एक से बढ़कर एक भव्य पूजा पंडाल बनाए गए हैं, वहीं कई पूजा आयोजन ऐसे भी हैं जो परंपरागत ढंग से दुर्गा पूजा महोत्सव का आयोजन कर रहे हैं। माता के भक्तगण सुबह से ही माता के भक्तिमय रंगों में उत्साहित नजर आ रहे हैं।
बुंडू के पुजारी अनुभवी पंडित ने बताया कि हमलोग नदी तालाब जाकर नवपत्रिका को लेकर आते हैं वहां पर महास्नान कराया जाता है महास्नान के बाद नवपत्रिका का महास्नान कराकर भक्तिभाव से लाया जाता है और नवपत्रिका की स्थापना की जाती है। इस तरह माता का प्रवेश कराया जाता है फिर विधि विधान के साथ पूजा आरंभ की जाती है। महासप्तमी की पूजा के साथ पुष्पांजलि की जाती है उसके बाद महाआरती आरंभ किया जाता है। सभी पूजा के लिए पंडालों की ओर रुख करते हैं और पुष्पांजलि का कार्यक्रम चलता रहता है।
शहर में चारों तरफ आकर्षक पूजा पंडालों को रौनक देखते ही बनती है। रंग बिरंगे फूल पत्तियों और प्राकृतिक जीव जन्तुओं की आकृति में सजे आकर्षक विद्युत साज सज्जा दुर्गा पूजा में चार चांद लगा दिए हैं। सुबह से ही बड़े छोटे, युवा महिला पुरुष सभी नए वस्त्र परिधान में माता के भक्तिमय गीतों का आनंद ले रहे हैं।