चांडिल। नारायण आईटीआई लुपुंगडीह चांडिल में पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की जयंती मनाई गई इस अवसर पर संस्थान के प्राचार्य जयदीप पांडे ने कहा की राजीव गांधी की राजनीति में कोई रूचि नहीं थी और वो एक एयरलाइन पाइलट की नौकरी करते थे। परन्तु 1980 में अपने छोटे भाई संजय गांधी की एक हवाई जहाज दुर्घटना में असामयिक मृत्यु के बाद माता श्रीमती इन्दिरा गाँधी जी को सहयोग देने के लिए सन् 1981 में राजीव गांधी ने राजनीति में प्रवेश लिया।वो अमेठी से लोकसभा का चुनाव जीत कर सांसद बने और 31 अक्टूबर 1984 को अंगरक्षकों द्वारा प्रधानमन्त्री इन्दिरा गांधी की हत्या किए जाने के बाद भारत के प्रधानमन्त्री बने और अगले आम चुनावों में सबसे अधिक बहुमत पाकर प्रधानमन्त्री बने रहे। राजीव गांधी ने 1985 में मुंबई में एआईसीसी के पूर्ण सत्र में ‘संदेश यात्रा’ की घोषणा की थी। अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल ने इसे पूरे देश में चलाया था। प्रदेश कांग्रेस समितियों (पीसीसी) और पार्टी के नेताओं ने मुंबई, कश्मीर, कन्याकुमारी और पूर्वोत्तर से एक साथ चार यात्राएं कीं। तीन महीने से अधिक समय तक चली यह यात्रा दिल्ली के रामलीला मैदान में संपन्न हुई। राजीव गांधी भारत में सूचना क्रान्ति के जनक माने जाते हैं. देश के कम्प्यूटराइजेशन और टेलीकम्युनिकेशन क्रान्ति का श्रेय उन्हें जाता है. स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं में महिलाओं को 33% रिजर्वेशन दिलवाने का काम उन्होंने किया । मतदाता की उम्र 21 वर्ष से कम करके 18 वर्ष तक के युवाओं को चुनाव में वोट देने का अधिकार राजीव गांधी ने दिलवाया। इस अवसर पर मुख्य रूप से एडवोकेट महेश कुमार,पवन कुमार महतो,शांति राम महतो,अजय मण्डल, देबकृष्णा महतो, गौरव महतो, कृष्णा पद महतो सहित कई लोग उपस्थित थे।