सरायकेला रिपोर्ट
झारखंड के सबसे बड़े औद्योगिक जिले सरायकेला में मौजूद फैक्ट्री में तमाम आदेशों का उल्लंघन तो साफ दिखता है अब यहां मजदूरों की लाश की कीमत भी लगने लगी है ताजा मामला आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र के माई का कष्ट कंपनी का है जहां विगत 2 दिनों पहले एक मजदूर की मौत हो गई मौत के बाद कंपनी प्रबंधन के द्वारा परिजनों को कोई सूचना नहीं दी गई दरअसल इस मामले में एक 16 वर्षीय अल्पसंख्यक नाबालिक लड़के को फुसलाकर एक व्यक्ति कुली का काम करने के उद्देश्य से कंपनी में ले आया जहां काम करने के दरमियान उसे कंपनी के छप्पर पर भेज दिया गया बिना अनुभव के उस बच्चे से काम करवाया जा रहा था जिस कारण ऊपर वाले को कुछ और ही मंजूर था छत पर से बच्चे का पैर फिसला और वह सीधे नीचे बड़े-बड़े लोहे के औजार ऊपर गिर पड़ा तड़पता हुआ उसे अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया परिजनों को जब इसकी खबर हुई तब वह आनन-फानन में अस्पताल पहुंचे उसके बाद उन्होंने कंपनी परिसर के बाहर प्रदर्शन शुरू कर दिया प्रदर्शन का माहौल देखकर झारखंड राजनीति मैं फिलहाल कमान संभालने वाले झामुमो के कई नेता भी मामले को रफा-दफा करने के नाम पर एकजुट होने लगे और कंपनी प्रबंधन पर दबाव बनाया जाने लगा जहां मृतक के पिता ने 2000000 रुपए और एक नौकरी की मांग रखी तो कंपनी प्रबंधन एवं उनके साथी मौके से मौके से अपनी कंपनी छोड़कर ही कहीं निकल गए थोड़ी देर बाद नाटक से प्रदर्शन कर रहे लोगों को जमशेदपुर के टाटा मुकेश अस्पताल बुलाया गया जहां जहां मोम के नेता और प्रबंधन निर्भरता शुरू की अंततः ₹500000 में पूरे मामले को रफा दफा कर दिया गया आश्चर्य की बात यह रही कि पूरे प्रदर्शन के दौरान नहीं फैक्टर इंस्पेक्टर ना ही श्रम निरीक्षक और ना ही पुलिस की कोई टीम मौके पर पहुंची यही नहीं जिसमें प्रदर्शन चल रहा था कोल्हान डीआईजी उसी थाने में मौजूद थे जिस थाना क्षेत्र में यह घटना हुई थी।