पारसनाथ तीर्थ स्थल को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है झारखंड सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को लेकर आदिवासी समाज द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर आस्था के ऊपर पाबंदी लगाए जाने का आरोप लगाया गया

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पारसनाथ तीर्थ स्थल को लेकर एक बार फिर विवाद गहराता जा रहा है झारखंड सरकार द्वारा जारी नोटिफिकेशन को लेकर आदिवासी समाज द्वारा एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का आयोजन कर आस्था के ऊपर पाबंदी लगाए जाने का आरोप लगाया गया

माझी परगना महाल द्वारा एक प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया जिसमें जानकारी दी गई कि झारखंड सरकार द्वारा 5 जनवरी 2023 को एक नोटिफिकेशन जारी किया गया जिसमें बताया गया कि पारसनाथ तीर्थ स्थल तथा इसके चारों और 5 किलोमीटर तक किसी प्रकार मांस मदिरा का उपयोग वर्जित किया गया है जिससे संताल आदिवासी समुदाय को यह लगने लगा है कि उनकी आस्था के ऊपर दबाव लगाया जा रहा है जिसे स्वीकार नहीं करने की बात कही गई साथ ही उन्होंने आरोप लगाया नई शिक्षा नीति 2020 को झारखंड राज्य में हुबहू प्रयोग में नहीं लिया जा सकता क्योंकि 4 राज्य के 24 जिले में से आधे से अधिक अनुसूचित क्षेत्र के विशेष संविधानिक अधिकार क्षेत्र में आते हैं जिससे भाषाओं की वैधता सांस्कृतिक रहन-सहन ऐतिहासिक तथा भौगोलिक विशेषता को ध्यान में रखकर अनुपालन होनी चाहिए स्थानीय नीति और नियोजन नीति नहीं होने को दुर्भाग्य बताया वही पछले दिनों विधायक सीपी सिंह के बयान पर उन्हें माफी मांगने और उन पर कानूनी कार्रवाई की मांग की साथ ही साथ माझी परगना द्वारा पूर्व सांसद साल खान मुर्मू को हिदायत दी गई कि असामाजिक असंवैधानिक कार्य से बाज आएं अन्यथा माझी परगना ग्राम सभा के तहत सर्वोच्च दंड की कार्रवाई करने में देरी नहीं करेगी

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