बुंडू अनुमंडल छेत्र में टुसू मेला की धूम मची है लोग हजारों की संख्या में मेला देखने जाते हैं ये टुसु मेला पँचपरगना छेत्र में एक महीना तक धूम मचती है

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रिपोर्टर जितेन सार बुंडू
लोकेशन बुंडू

एंकर – बुंडू के अलग अलग इलाकों में  टुसू मेला प्रत्येक वर्ष मकर संक्रांति के बाद लगातार एक माह तक टुसू मेले की धूम रहती है। इस अवसर पर मेले में दूर दराज से ग्रामीण अपने अपने इलाके से खूबसूरत चौड़ल भी साथ लेकर आते हैं। बांस, रंगीन कागज, थर्मोकोल और विभिन्न सजावट की सामग्रियों के साथ टुसू मेले के लिए आकर्षक चौड़ल का निर्माण किया जाता है। पिरामिड की आकार का बना चौड़ल मेले में आये लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र होता है। सबसे आकर्षक और ऊंचा चौड़ल प्रदर्शित करने की लोगों में एक तरह की प्रतियोगिता बन जाती ह। पंचपरगना इलाके में टुसू मेला में बड़ी संख्या में बच्चे वृद्ध, युवा और महिलाएं पहुंचे। मकर संक्रांति के पश्चात पूरे माह आयोजित टुसू मेले में एक से बढ़कर एक चौड़ल का प्रदर्शन किया गया। रंग बिरंगे आकर्षक साज सज्जा से चौड़ल की कलाकृतियां देखते ही बन रही थी। स्थानीय और दूर दराज से टुसू मेला में आये ग्रामीण पर्व को लेकर पूरी तरह उत्साह से लबरेज नजर आए। हिंदी और नागपुरी धुनों पर मेले में उपस्थित सभी लोग जमकर थिरके। क्या बच्चे, क्या वृद्ध और युवा सभी समान जोश और उत्साह से टुसू मेला में अपनी खुशी का इजहार  करते देखे गए।लोग मुर्गा लड़ाई का भी आनन्द उठाते हैं इधर गांव मे फौदी खेल भी होते हैं टुसू पर्व के दौरान क्या बच्चे क्या बूढ़े क्या जवान सब इस फौदी खेल में शामिल होते हैं इधर बुंडू पांच परगना क्षेत्र में हर मेले का आनंद उठा रहे हैं स्थानीय विधायक विकास मुंडा विधायक ने कहा की टुसू परब यह एक संस्कृति धरोहर है इस धरोहर को बचाए रखना है उन्होंने यह भी कहा कि जब हम छोटा थे तो हर एक मेला घूमते थे और आज भी हर एक गांव में जा जाकर विधायक विकास सिंह मुंडा मेले का आनंद उठारहे हैं और यह मेला बुंडू अनुमंडल क्षेत्र में रोज हर गांव में लगते हैं चाहे सतीघाट की मेला कहा जाए चाहे कांची मेला की बात कहा जाए या हराडी बूढ़ाडी मेला की बात कहां जाए या बंजारा बाबा मेला इस छेत्र में टुसू परब मैं लोग अपने परिवार को लेकर मेला देखने के लिए सुबह से ही तैयार होकर देखने जाते हैं मेले में चोड़ल के साथ नाच गान करते हुए उसका आनंद भी उठाते हैं इधर मेले में बूगी बूगी डांस का भी आनंद उठाते हैं यह मेला एक महीना तक रोज कहीं ना कहीं गांव में लगते हैं

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