जमशेदपुर आईएमए ने एक आपात बैठक बुलाकर पिछले दिनों आदित्यपुर में दस वर्षीय बच्ची की मौत के मामले में डॉ कुमार अभिषेक पर आदित्यपुर पुलिस द्वारा बगैर पोस्टमार्टम कराए गैर जमानतीय धारा 304लगाने का कडा विरोध किया.
आईएमए सचिव डॉ सौरभ चौधरी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश और प्रावधानों के अनुसार इलाजरत मरीज की आकस्मिक मौत पर डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता. प्रावधानों के अनुसार मामले में पोस्टमार्टम जरुरी है और मेडिकल बोर्ड का गठन होगा जो तय करेगा कि इलाज में लापरवाही हुई है या नहीं. लापरवाही पाए जाने पर धारा 304 ए लगाने का प्रावधान है. लेकिन आदित्यपुर पुलिस ने आश्चर्यजनक तरीके से पोस्टमार्टम नहीं कराया और सीधे गैर जमानतीय धारा 304 लगा दिया जो सीधे सीधे सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है. इस तरह से धारा लगाकर डॉ कुमार अभिषेक के साथ पुलिस ने गलत किया है.डा.सौरभ चौधरी ने कहा 4 जनवरी को जब शिवा नर्सिंग होम में डॉ कुमार अभिषेक के पास बच्ची को लेकर परिजन आए तब बच्ची को कोई घाव नहीं था और एक्स रे के बाद साधारण सा कच्चा प्लास्टर कर दिया गया. उसके पांच दिनों बाद आकर परिजनों ने बताया कि बच्ची को पांच दिनों से बुखार था. जाहिर है यहां परिजनों ने भी लापरवाही की.उन्हें बुखार होते ही लाना था. मगर वे 9 जनवरी को सीधे ले आए और तब भी डॉक्टर अभिषेक ने हायर सेंटर ले जाने को कहा. दुबारा वे लोग 10 जनवरी को बच्ची को लाए और फिर हायर सेंटर ले जाने को कहा गया तब रास्ते में बच्ची की मौत हो गई. डॉ सौरभ चौधरी ने कहा कि आजकल ऐसी घटनाएं बढती जा रही हैं जहां मरीज की मौत के बाद परिजनों और भीड द्वारा रोड जाम और तोड फोड करने पर दबाव में आकर पुलिस डॉक्टर पर सीधे धारा 304 लगा देती हैं. जमशेदपुर और राज्य में ऐसी घटना ओं को देखते हुए आईएमए स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता से महाराष्ट्र की तर्ज पर स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोटोकॉल सुनिश्चित कराने की मांग करेंगे. वहींडॉ अभिषेक मामले को लेकर सरायकेला एसपी से मिलकर ज्ञापन सौंपेंगे. डॉ अभिषेक के साथ जिस तरह पुलिस ने गलत किया है उसको लेकर आईएमए डॉ अभिषेक के साथ है.
