जमशेदपुर मकर संक्रांति और टुसु को लेकर पोटका के विधायक संजीव सरदार के पैतृक गांव ऊदल में मिट्टी के चूल्हा में गुड़ पीठ बनाते नजर आ रहे हैं , मकर संक्रांति के दिन सबसे पहले आदिवासी मूल वासी हेलो हेलो नदी तालाब में नहाते हैं। उसके बाद खेत में लगे झाड़ी को जलाकर शरीर को सेकते हैं ।और उसके बाद घर आकर नए कपड़े पहन कर पूजा पाठ करते हैं और उसके बाद घर में बने गुड पीठा या चूड़ा दही का सेवन करते हैं। विधायक संजीव सरदार का कहना है यह परंपरा कई सदियों से दादा पिताजी मनाते आ रहे हैं गांव देहात में लोग ज्यादा खेती-बाड़ी करते थे और खेती का धान काट के चावल निकालते हैं और हम लोग का साल में सबसे बड़ा त्यौहार है। रिश्तेदार में हमारे जितने भी परिवार के लोग जो शहर से बाहर रहते हैं ।वह घर पर आते हैं और एक साथ मिलकर हम लोग इस पर्व को धूमधाम से मनाते हैं। वही विधायक संजीव सरदार की पत्नी का कहना है कि वैसे तो हम शहर में रहते हैं। लेकिन पर्व के दिन अपने पैतृक गांव में आकर बड़े बुजुर्ग आशीर्वाद लेकर इस पर्व को मनाते हैं।
