बुंडू के ताऊ ग्राम की विधवा सनोका देवी को बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर आवास योजना के तहत घर बनाने के लिए बुंडू प्रखंड कार्यालय द्वारा 10 मार्च 2022 को प्रथम किस्त के रुप में 40 हजार रुपये मिले। सनोका देवी ने अपना पुराना जर्जर मकान तोड़ कर नए मकान हेतु 40 हजार रुपये में दिवारें तो खड़ी कर लीं, लेकिन इसके बाद दूसरी किस्त उसे नहीं मिली। अब सनोका देवी अधुरे मकान में प्लास्टिक का छप्पर बना जाड़ा, गर्मी व बरसात में रहने को मजबुर है। स्थिति यह है कि नए घर की चाहत में सनोका देवी को नया घर तो नही ही मिला, अपने पुराने घर से भी हाथ धोना पड़ा। सनोका देवी ने बताया कि छप्पर में तो प्लास्टिक लगाकर वह काम चला भी रही है लेकिन दरवाजा नहीं रहने के कारण कुत्ते आदि जानवर भी प्रवेश कर जाते हैं। रात के अंधेरे में वह असुरक्षित भी महसूस करती है। सनोका देवी ने बताया कि खाते में प्रथम किस्त का पैसा ने के दो महिना बाद तक बुंडू प्रखंड कार्यालय से कोई इंजीनियर अथवा कर्मचारी नहीं आया। तब उसने रुपये खाते से निकाल कर आवास निर्माण शुरु किया। लिंटर लेवल तक दिवार उठाने के बाद दुसरी किस्त की मांग की लेकिन उसे दुसरी किस्त नहीं मिली। इस संबंध में प्रखंड विकास पदाधिकारी संध्या मुंडू ने बताया कि सनोका देवी को प्रखंड कार्यालय के पत्रांक 637(।।), दिनांक- 21-6-22 द्वारा सूचित किया जा चुका है कि आवास नक्शा के अनुरुप नहीं बनाया गया है, इस कारण दुसरी किस्त नहीं दी जा सकती। पुनः पत्रांक 1234(।।), दिनांक-11-11-22 द्वारा सुचित किया गया है कि जांच में पुराने दिवार पर ही प्लास्टर कर दिवार की ऊंचाई बढ़ाने का मामला आया है। सनोका देवी को अविलंब सुधार करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
कोरोना लॉकडाऊन में आर्थिक तंगी के कारण पति ने की थी आत्महत्या- सनोका देवी ने बताया कि उसके पति स्व गोविंद सिंह ड्राइवर थे। कोरोना लॉकडाऊन में आर्थिक तंगी के कारण उसने आत्म हत्या कर ली थी। तब से उसके उपर दो बच्चों के भरण-पोषण का भी भार है। वर्तमान में वह पाचा गांव में एक कंपनी के वर्कसोप में हेल्पर (चर्तुथ वर्ग) का काम कर गुजारा करती है। मकान बनाने के लिए उसने उधार में सिमेंट, बालू, छड़ लिए थे। अब वो उधार कैसे चुकता करेगी। सनोका देवी ने उपायुक्त, उप विकास आयुक्त, बुंडू एसडीओ, बुंडू प्रमुख आदि को आवेदन देकर मदद की गुहार की है,