आदिवासी समाज में भारत का संविधान लागू करने की मांग को लेकर आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से पांच राज्यों में धरना प्रदर्शन- किया जा रहा है

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इसी कार्यक्रम के तहत बुधवार को आदिवासी सेंगेल अभियान ने पूर्वी सिंहभूम जिला मुख्यालय पर भी धरना- प्रदर्शन किया और राष्ट्रपति के नाम एक ज्ञापन उपायुक्त को सौंपते हुए आदिवासी समाज में देश का संविधान लागू करने की मांग की. इस संबंध में जानकारी देते हुए आदिवासी सेंगेल अभियान के केंद्रीय संयोजक भीमो मुर्मू ने बताया कि पूरे देश में भारत का संविधान लागू है मगर आदिवासी- संथाल समाज में अभी भी माझी- परगना और स्थानीय ग्रामीण प्रथा का प्रचलन है. वंशवाद परंपरा का प्रचलन आज भी समाज में व्याप्त है. जिससे रूढ़िवादी परंपराएं समाज में हावी है. इसके अलावा परिवारवाद का बोलबाला है. राष्ट्रपति को सौंपे गए ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने आदिवासी समाज में भी जनतंत्र बहाली और भारत का संविधान लागू करने की मांग की है. मतलब साफ है, कि आदिवासी समाज में भी अब बिखराव हो रहा है. जिसका उदाहरण बुधवार को देखने को मिला. आदिवासी समाज का एक धड़ा माझी- परगना- महाल, मानकी- मुंडा शासन की वकालत करता है, तो दूसरा धड़ा देश के संविधान को लागू करने की मांग कर रहा है.

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