करीब 8 घंटे तक चिलचिलाती धूप में धरने पर बैठे छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक से जब कंपनी प्रबंधन ने बात करने की कोशिश नहीं की तो आम जनता की परेशानी देखते हुए खरसावां विधायक दशरथ गागराई के साथ अन्य जनप्रतिनिधी, सरायकेला अंचल अधिकारी, सरायकेला प्रखंड विकास पदाधिकारी, सरायकेला थाना प्रभारी मौके पर पहुंचे काफी मशक्कत के बाद जब प्रबंधन ने सबको कंपनी परिसर में प्रवेश करने दिया तो एक लंबी वार्ता शुरू हुई जहां यह तय हुआ कि मृतक के परिजनों को 50 – 50 लाख रुपए का मुआवजा 48 घंटों के अंदर देना होगा। अगर मुआवजे की राशि नहीं दी जाती है तो फिर कंपनी के गेट पर तालाबंदी कर दी जाएगी। वही जब पत्रकारों ने पूरे मामले की जानकारी कंपनी के एचआर अरशद अली से लेनी चाही तो उन्होंने कैमरे पर ही झूठ का पिटारा खोल दिया कैमरे पर मेटल्सा कंपनी के एचआर ने कहा की तीन बच्चों के डूब जाने के बाद उन्होंने सबसे पहले पुलिस को सूचना दी थी मौके पर मौजूद थाना प्रभारी मनोहर कुमार ने इस बात का खंडन करते हुए कहा कि कंपनी प्रबंधन के द्वारा इस समय तक कोई सूचना पुलिस को नहीं दी गई है। वही मृतक बच्चे के परिजन मोहम्मद कासिम ने बताया कि उनके भतीजे अब इस दुनिया में नहीं है जब उनके भतीजो को पानी से निकाला गया था तो उनकी सांसे चल रही थी वह मिन्नतें करते रहे कि इन्हें एंबुलेंस मुहैया कराया जाए लेकिन कंपनी प्रबंधन ने एक न सुनी और अपने निजी वाहन से वे सभी बच्चों के साथ अस्पताल गए जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत बता दिया अपनी बातों को आगे बताते हुए करीम ने कहा तो एक भतीजे ने तो उनकी गोद में ही दम तोड़ दिया। अगर सही समय पर कंपनी का एंबुलेंस उपलब्ध हो जाता तो ऐसा बिल्कुल नहीं होता उस बच्चे की जान बचाई जा सकती थी। वही मौके पर मौजूद विधायक दशरथ गागराई भी परिजनों के हक की बात करते देखे गए और भविष्य में बाहरी लोगों के द्वारा कंपनी का प्रबंधन चलाने के खिलाफ भी उन्होंने अपना बयान जारी कर दिया है।
रिपोर्टर;कांड्रा से दयाल लायक