सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी अपने तीन दिवसीय दौरे पर जमशेदपुर पहुंचे जहां पर पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने राज्य सरकार को आड़े हाथ लेते हुए जमकर खरी- खोटी सुनाई. इससे पूर्व जिला कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री का भजपाइयों ने गर्मजोशी से स्वागत किया. उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का 27 महीनों का कार्यकाल पूरा हो गया है, बावजूद इसके राज्य सरकार ने ऐसा कोई भी काम नहीं किया जिससे उनकी प्रशंसा हो. अपने अधिकारियों को सरकार ने लूट- खसोट में लगा दिया है. भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है. कोई अधिकारी किसी की सुनने को तैयार नहीं. खनिज के मामले में कहा कि राज्य सरकार का इस पर कोई ध्यान नहीं है. बालू एक निम्न स्तर की खनिज संपदा है उस पर भी राज्य सरकार कोई निर्णय नहीं ले रही है, लोकल स्तर पर निर्माण कार्य करने के लिए जो बालू का उपयोग हो रहा है, उनकी गाड़ियों को भी पुलिस प्रशासन द्वारा पकड़ लिया जा रहा है, जो कि खेद जनक है. राज्य सरकार की हालत ऐसी हो गई है कि उसे डूबने से कोई नहीं बचा सकता. उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि माझी ही अगर नाव डुबोए तो उसे कौन बचाए. सूबे के मुख्यमंत्री अपने ही लोगों के नाम से खनन पट्टा आवंटित करवा रहे हैं, साथ ही जमीन पर भी इनकी नजर है. केंद्र सरकार के मंत्रियों के झारखंड दौरे वाले सवाल पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को क्यों तकलीफ हो रही है, पता नहीं, जबकि राज्य में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर हो ही नहीं रहा है, तो फिर इन्हें तकलीफ किस बात की है. वहीं स्थानीय नीति पर कहा कि हमारी जब सरकार थी तो हम लोगों ने स्थानीय नीति बना दी थी मगर सूबे के मुख्यमंत्री अलग ही पैटर्न पर चल रहे हैं. यहां के बच्चे अगर बाहर जाकर पढ़ रहे हैं तो बेरोजगार क्या करेंगे. मुख्यमंत्री ने साफ तौर पर कहा है कि जो भी 10वीं और 12वीं की परीक्षा झारखंड से पास नहीं करेगा उसे रोजगार नहीं देंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि मुख्यमंत्री सदन में कुछ बोलते हैं सदन के बाहर उनके नेता और विधायक कुछ बोलते हैं. सरकार कुछ बोलती है सरकारी पदाधिकारी कुछ बोलते हैं. आपसी सामंजस्य किसी में नहीं है. यह सरकार भगवान भरोसे चल रही है. वही भाषा को लेकर उपजे विवाद के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की भाषा हिंदी है, हिंदी में संवाद यहां की प्राथमिकता है. इसको लेकर किसी तरह का बहस या विवाद करना ठीक नहीं है. पूर्व मुख्यमंत्री ने महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार का बचाव करते हुए कहा इसके लिए केंद्र सरकार नहीं बल्कि रूस- यूक्रेन के बीच जारी जंग है. उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रूस यूक्रेन के बीच जारी युद्ध रोकने में अहम भूमिका निभा रहे हैं. उन्होंने भरोसा जताया कि देश में जल्द ही महंगाई पर नकेल कसने में केंद्र सरकार सफल होगी. पूर्व मुख्यमंत्री ने स्थानीय और नियोजन नीति के सवाल पर कहा की पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के नियोजन नीति में काफी सहूलियत हो रही थी. मगर वर्तमान सरकार ने जो नियोजन नीति बनाई है उसके चलते राज्य के युवा नौकरी से वंचित हो रहे हैं. सरकार किसी भी मुद्दे पर यहां के लोगों के विश्वास को जीतने में नाकाम रही है. पंचायत चुनाव के बाद इसका व्यापक असर देखने को मिलेगा. जब भाजपा सड़क पर आंदोलन को बाध्य होगी. उन्होंने कहा पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के शासनकाल में राज्य में उग्रवाद पूरी तरह से काबू में था, मगर वर्तमान सरकार में उग्रवादी फिर से सक्रिय हो रहे हैं. अपराध और अपराधी पूरी तरह से बेलगाम हो चुके हैं. ऐसे सरकार को सत्ता पर बैठे रहने का कोई अधिकार नहीं है.