सरायकेला: भक्ता ठगान, चड़क पूजा आज से शुरू दो माह तक चलेगा यह पूजा अर्चना

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सरायकेला खरसावां जिला में आज से शुरू हुआ चड़क पूजा सह भक्ता फुड़ा व पूजा अर्चना के साथ भक्ता ठगान शुरू प्राचीन कालीन से चले आ रहे यह परम्पपरागत से आस्ता का पर्व तीन दिन पहले से शिव भक्तो द्वारा तिल खोल के साथ भोले शंकर का स्नान यात्रा के साथ गांव में पाठ भोक्ता घुमाया जाता प्रत्येक परिवार के महिलाये पाठ भोक्ता को पूजा अर्चना करते हे और पंडित द्वारा शांति जल छिड़कते हे .कल रात्रि को जागरण के नाम से जाना जाता रात्रि में मंदिर परिसर में पुजारी द्वारा रातभर पूजा करते रहते हे और भक्तो द्वारा श्रद्धा पूजा करते देखा गया .रात्रि पहर में जागरन के नामपर छो नाच होता हे .आज कालिका घट लाने के प्रश्चात भक्तो द्वारा मन्नत के उपरान्त अपने पिट पर लोहे के अंकुश से पिट पुड़ावते हे और 50 fफिट के उचाई झूलते हे .जो अस्ता पर बिस्वाश रखते हे .सभी भक्तो क मन्नत पूरा होने पर भक्ता ठगान में खुद पहुंच कर मन्नत के अनुसार पांच से दस बर्ष के करते हे . वाईट :- भक्तो 1 -2 वाईट :- प्रमेस्वर महतो ग्रामीण समिति वीओ :- चांडिल अनुमंडल के झिलिमिलि गांव में प्राचीन शभ्यता के अनुसार आज के युग में देव का देव महादेव भोले नाथ के कोई नाम से पूजा अर्चना होता हे .प्राचीन कालीन से चले आरहे हे चड़क पूजा चैत संक्रांति के शुभ अबसर से चड़क पूजा के नाम से प्रचलित हे और यह पूजा होता हे ,यह पूजा दो माह तक चलता हे जेट माह के अंतिम दिन तक ग्रामीणों के अनुसार बहुत ही बिधि बिधान से यह पूजा होता हे .इस माह को शुभ मानाजाता .जो भक्तो द्वारा शंकर भगवान से श्रद्धा पूर्वक मांगे गए मन्नत पूरा होता हे .उसी के अनुसार कोई लोगो ने जो बिचार रखते हे उसी के आधार पर भक्ताफुड़ा व ठगान होता हे .भक्तो के पिट पर पूजा के सिंदूर लगाकर दिया जाता और उसी जगह पर लोहे अंकुश से फुडा जाता हे और बजे गाजे साथ उस भक्ता द्वारा भक्ता ढांग के ऊपर झूलते हे और ले गए प्रशाद को निचे बच्चे के ऊपर गिराते हे .भक्ता का पत्नी द्वारा भक्ता ढांग के निचे माथे पर कलश लेकर खड़े रहते हे जबतक ऊपर से निचे न उतर जाए उतरे ही पत्नी द्वारा पति जो गुड़ और पानी पिलाते हे सुबह से यह भक्ता ठगान दिन पहर तक चलता हे .भक्ता का कहना लोहे के आँकुस से फुडा के बाद न खून निकलता हे न दर्द होता हे और डॉ की जरूरत होता हे .सिंदूर से यह घाव सुख जाते हे .जिसे बाबा के प्रति भक्तो का और दृढ़ विस्वाश अटल होते जाते हे .दो बर्ष से कोरोना महामारी के कारण बंद था आज प्रत्येक भक्तो के चेहरे में ख़ुशी झलक देखा गया .दूर दराज से भक्तो की भीड़ लगा था .

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