जगन्नाथ चटर्जी, चांडिल
चांडिल। पिछले दो मार्च को उपायुक्त की मौजूदगी में सरायकेला में हुए त्रिपक्षीय वार्ता में 11 बिंदुओं पर सहमति बनने के बाद भी 31 मार्च तक कोई कार्यरूप नहीं होने पर खतियानधारी रैयतों ने एक बार फिर से आंदोलन करने का निर्णय लिया है। कंपनी प्रबंधन के द्वारा 31 मार्च तक दिए डेडलाइन की समाप्ति के बाद भी कंपनी प्रबंधन के द्वारा कोई सकारात्मक पहल नहीं किए जाने के खिलाफ चांडिल के हुमिद स्थित बिहार स्पोंज आयरन कंपनी/ वनराज स्टील कंपनी गेट के पास पंचग्राम विस्थापित एवं प्रभावित समिति के अध्यक्ष जगन्नाथ मांझी कि अध्यक्षता में खतियानधारी रैयतों की बैठक हुई। जिसमे सर्वसम्मति से 2 अप्रैल से अपने आंदोलन को उसके परिणाम तक पहुंचाने का निर्णय लिया। समिति के सचिव आशुतोष बेसरा ने कहा की वनराज स्टील प्रबंधन ने त्रिपक्षीय वार्ता का उल्लंघन कर रही है और अपने दिए डेडलाइन तक कोई सकारात्मक पहल नहीं की। लिहाजा जमीनदाता आगामी 2 अप्रैल को आंदोलन का नया रूप देते हुए कंपनी परिसर में लगे रेलपटरी, इंटक वेल या सड़क पर उतरने को बाध्य होंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी। उन्होंने कहा की कंपनी प्रबंधन जमीनदाताओं को हर बार गुमहार कर समझौते करती है तथा बाद में उन समझौते से मुकर जाती है। जबकि हर बार जमीनदाता सकारात्मक पहल करने का काम किया है। बैठक में अरुण टूडू, लखीकांत महतो, समर सिंह, सुभाष चंद्र महतो, पिंटू हांसदा, सनथ महतो, मदन प्रसाद, आदि उपस्थित थे।