झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग की नियुक्ति नियमावली में जिलावार क्षेत्रीय तथा जनजातीय भाषा की सूची में भोजपुरी,मगही,मैथिली, अंगिका को शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड भाषा संरक्षण मंच की तरफ अभिषेक पाण्डेय के नेतृत्व में से ज्ञापन सौंपा गया।जमशेदपुर के लोकप्रिय सांसद से यह मांग की गई कि जमशेदपुर के दस लाख से अधिक लोगों की भावनाओं को देखते हुए इस मामले को अपने पार्टी स्तर पर एवं सदन में भी जरूर रखें। भोजपुरी,मगही,मैथिली और अंगिका भाषी लोग को जो कि लगभग चार-पाँच पीढियों से या उससे भी अधिक समय से जमशेदपुर एवं आसपास के क्षेत्रों में रहते हैं,उनके बच्चे आखिर नौकरी करने कहाँ जाएंगे?वैसे सभी परिवार या तो अत्यंत गरीब परिवार से आते हैं या निम्न मध्यम वर्ग परिवार से आते हैं एवं पीढ़ियों से यहाँ रहकर मजदूरी या छोटे मोटे व्यवसाय कर अपना जीवनयापन कर रहे हैं। उनके बच्चे क्षेत्रीय भाषा के नाम पर लगातार प्रतीयोगी परीक्षाओं से वंचित कर दिए जा रहे हैं।ऐसे में समाज का समुचित विकास नहीं हो पा रहा है और एक वर्ग पिछड़ता चला जा रहा है ।जो झारखंड में वर्षों से बसे हुए उन्हें भी नौकरियों में समुचित अवसर मिलना चाहिए,और उनकी भाषाओं को भी मान्यतामिलनी चाहिए।भाषा के नाम पर बेवजह की बातें कर के लड़ाने का प्रयास नहीं होनी चाहिए।
ज्ञापन सौपने वालों में अभिषेक पाण्डेय,डी एन सिंह,रंजीत झा,ब्रजेश मिश्रा,मुकेश झा,कृष्णकांत पाण्डेय,बिकास सिंह,उपेन्द्रनाथ वर्मा,राहुल प्रसाद,विजय दुबे इत्यादि उपस्थित थे।