1932 खतियान के आधार पर स्थनीय नीति लागू हो,वरना आंदोलन : अनिल महतो

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राजनगर : झारखंड आन्दोलनकारी नेता अनिल महतो ने कहा कि कुर्मी जाति को केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने उपेक्षा की तथा राज्य सभा में भी बिल पेश करते समय भी कुर्मी को शामिल नहीं किया गया ।जिसके चलते अभी तक कुर्मी ( महतो) एसटी की सुची में शामिल नही हो सका है।उन्होंने मगही एवं भोजपुरी को क्षेत्रीय भाषा से हटाने की मांग की।उन्होंने भोगता, गंझू समेत दस समुदायों को एसटी में शामिल करने के लिए राज्य सभा में बिल पेश किए जाने का विरोध किया है। कहा कि कुर्मी ( महतो) समुदाय के लोग कई वर्षों से एसटी में शामिल होने की मांग कर रहे है ,मगर अभी तक एसटी का दर्जा नहीं दिया है। उन्होंने केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुर्मी को इस बार भी एसटी की सुची में सजीस के तहत शामिल नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि कुर्मी का रहन सहन , सांस्कृतिक समेत सभी आदिवासियों की तरह ही है। इसलिए कुर्मी को एसटी की सुची मे शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि भोजपुरी , मगही क्षेत्रीय भाषा नहीं हो सकता है। उन्होंने यह भी मांग करते हुए कहा कि 1932 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति लागू हो। यदि सरकार इस पर विचार नहीं करती है तो पुरजोर आन्दोलन किया जायेगा.

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