
टाटा स्टील जूलोजिकल पार्क में अनुसूची-I संरक्षित कृष्ण मृगों की लगातार हुई 9 मौतों के मामले ने वन्यजीव संरक्षण तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के बाद भाजपा नेता अंकित आनंद ने सेंट्रल ज़ू ऑथोरिटी (CZA), झारखंड वन एवं पर्यावरण विभाग और राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों को औपचारिक शिकायत भेजकर उच्च स्तरीय, स्वतंत्र और दबाव-रहित जाँच समिति के गठन की माँग की है।
अंकित आनंद ने कहा कि इतनी बड़ी संख्या में संरक्षित प्रजाति की अचानक और रहस्यमयी मौतें वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 और Indian Zoo Rules, 2009 के संभावित उल्लंघन की ओर संकेत करती हैं। उन्होंने संभावना जताया कि जू-प्रबंधन बीमार मृगों को समय पर क्वारंटीन करने में विफल रहा, आवश्यक SOP और चिकित्सा प्रोटोकॉल का पालन नहीं किया, और अब तक विस्तृत पोस्ट-मार्टम/फॉरेंसिक रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की है।
अपने पत्र में अंकित आनंद ने कहा, कृष्ण मृग [Blackbuck] हमारी राष्ट्रीय वन्यजीव विरासत हैं।अनुसूची-I प्रजाति के 9-10 मृगों का एक साथ मर जाना केवल संयोग नहीं, बल्कि गंभीर प्रबंधन विफलता का संकेत है। जब तक निष्पक्ष जाँच नहीं होगी, सच्चाई सामने नहीं आएगी।
उन्होंने इस मामले में ऑनलाइन शिकायतवाद भी दर्ज कराया है, जिसके बाद सेंट्रल ज़ू ऑथोरिटी ने प्राथमिक कार्रवाई शुरू कर दी है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, CZA की डीआईजी आकांक्षा महाजन इस प्रकरण की विस्तृत जाँच करेंगी और जू प्रबंधन की प्रक्रियाओं की समीक्षा करेंगी। पर्यावरण प्रेमियों ने भी इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए पारदर्शी जाँच की मांग का समर्थन किया है।
