
कहते हैं प्रतिष्ठा बनाने में उम्र लग जाती है, लेकिन उसे बिगाड़ने में एक पल ही काफी है। सोशल मीडिया के इस दौर में किसी की इज्ज़त दांव पर लगाने के लिए एक वीडियो और कुछ पोस्ट ही काफी हैं। कुछ ऐसा ही मामला जमशेदपुर के साकची स्थित इंडियन ऑयल पेट्रोल पंप के मालिक के साथ हुआ है।
बीते दिनों पंप पर हुए हंगामे का वीडियो वायरल होने के बाद मालिक शिवजी सिंह ने अपनी सफाई दी और कहा कि उन्हें जानबूझकर बदनाम करने की कोशिश की गई है। उनका कहना है कि उनका पंप हमेशा की तरह ग्राहकों की सेवा में ईमानदारी से काम कर रहा है।
क्या था पूरा मामला
14 सितंबर को दोपहर लगभग 12 बजे एक हुंडई क्रेटा गाड़ी पंप पर आई। गाड़ी मालिक ने पेट्रोल भरवाया। पंप कर्मचारी ने 49 लीटर तेल डाला। इसी दौरान गाड़ी मालिक और पंप स्टाफ के बीच बहस शुरू हो गई। कर्मचारी ने कहा कि टंकी में और भी जगह है और दोबारा 9 लीटर और डालकर दिखा दिया।
यहीं से बवाल खड़ा हो गया। क्रेटा मालिक का आरोप था कि जब टंकी 50 लीटर की है तो उसमें 58 लीटर कैसे आया? आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पहले तेल कम दिया गया और बाद में दोबारा डाला गया। मामला यहीं नहीं थमा, लोगों ने इसे सोशल मीडिया पर डाल दिया और देखते ही देखते वीडियो वायरल हो गया।
पंप मालिक का पक्ष
पंप के मालिक शिवजी सिंह ने प्रेस के सामने दस्तावेज और जांच रिपोर्ट दिखाते हुए कहा कि पूरा मामला पंप को बदनाम करने की साजिश है।
इंडियन ऑयल के सेल ऑफिसर ने मौके पर जांच कर मशीन को पूरी तरह सही बताया।
हुंडई कंपनी से लिखित जानकारी मांगी गई, जिसमें कंपनी ने स्पष्ट किया कि क्रेटा की टंकी की वास्तविक क्षमता 60 प्लस लीटर है। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से इसमें 49 लीटर से अधिक डालने की सलाह नहीं दी जाती।
शिवजी सिंह का कहना है, “जिन लोगों ने सोशल मीडिया पर हंगामा फैलाया, उनका मकसद साफ था – पंप की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना। लेकिन सच्चाई दस्तावेजों और कंपनी की रिपोर्ट से सामने आ चुकी है।”
इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि सोशल मीडिया की अदालत में किसी की इमेज को कितनी आसानी से गिराया जा सकता है। सच्चाई सामने आने में समय लग सकता है, लेकिन तब तक किसी की सालों की कमाई हुई प्रतिष्ठा दांव पर लग जाती
