
जमशेदपुर : प्रोस्टेट कैंसर जागरूकता माह के अवसर पर कोलकाता स्थित मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास ने जमशेदपुर में एक प्रेरणादायक कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें कैंसर से जूझ कर स्वस्थ हुए लोगों का उत्सव मनाया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य प्रोस्टेट कैसर से जुड़ी ज़रूरी जानकारियों को साझा करना और शुरुआती लक्षणों के प्रति लोगों को जागरूक करना था। लगभग 15 कैसर विजेताओं ने अपनी जीवनगाथा साझा कर उपस्थित लोगों को आशा और प्रेरणा दी। कार्यक्रम में मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास के यूरोलॉजी, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी विभाग के प्रमुख डॉ. अभय कुमार ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं।

पिछले तीन दशकों में शुरुआती उम्र में होने वाले प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई है। दुर्भाग्यवश्श, यह बीमारी कई बार गलत तरीके से पहचानी और इलाज की जाती है, जिससे बड़ी चुनौतियाँ उत्पन्न होती हैं। डॉ. कुमार ने बताया कि शुरुआती जांच और पुष्टि बेहद महत्वपूर्ण है। शुरुआती प्रोस्टेट कैंसर के मामलों में हर साल लगभग 5% की वृद्धि हो रही है।
इंटरएक्टिव सत्र के दौरान डॉ. अभय कुमार ने कहा, “प्रोस्टेट कैंसर के उपचार को लेकर कई मिथक हैं, जो लोगों में बेवजह डर पैदा करते हैं। जबकि हकीकत यह है कि प्रोस्टेट कैंसर का इलाज आसान है और कई मामलों में यह पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। आज कृत्रिम बुद्धिमत्ता और रोबोटिक सर्जरी के सम्मिलन ने उपचार के तरीकों में क्रांतिकारी बदलाव लाया है। इस तकनीक से पेशाब रोकने में कठिनाई जैसी जटिल समस्याओं का भी सटीक प्रबंधन संभव है। हमारा प्रमुख उद्देश्य कैंसर को हटाते हुए मरीज की जीवन-गुणवत्ता को बनाए रखना है, और रोबोटिक तकनीक ने इसमें अद्भुत परिणाम दिए हैं। कुछ लोग मानते हैं कि रोबोटिक सर्जरी महंगी होती है, लेकिन मणिपाल अस्पताल, ईएम बाइपास ने विभिन्न पृष्ठभूमि के मरीजों पर सफलतापूर्वक यह सर्जरी की है। इसकी उपलब्धता बताती है कि हर वर्ग का व्यक्ति इस उन्नत तकनीक का लाभ ले सकता है। हम हर महीने लगभग 10 प्रोस्टेट कैंसर के मरीजों को जमशेदपुर से इस उन्नत उपचार के लिए आते देखते हैं, जो हमारे कौशल और विशेषज्ञता पर उनका विश्वास दर्शाता है।”
