डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में हर्षोल्लास से मनाया गया हिंदी दिवस

Spread the love

जमशेदपुर : डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन में हिंदी दिवस बड़े उत्साह और गरिमा के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का आयोजन साहित्यिक क्लब द्वारा किया गया। जिसका संचालन प्रियांका कुमारी और मीनाक्षी कुमारी ने अत्यंत सुंदर ढंग से किया। शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। तत्पश्चात् छात्रा पूनम कुमारी ने हिंदी भाषा के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत किए।

महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता ने अपने संबोधन में कहा कि हिंदी सभी भाषाओं की जननी है और हमें इसे बोलने में संकोच या शर्म नहीं करनी चाहिए। हिंदी हमारी पहचान और गर्व की भाषा है। कार्यक्रम में डॉ. मोनिका उप्पल उपप्राचार्या ने अपने विचार रखते हुए कहा कि हमारी संस्कृति से जुड़े कुछ ऐसे शब्द होते हैं जिनका अनुवाद संभव नहीं है। हिंदी हमारी संस्कृति से गहराई से जुड़ी हुई भाषा है और यही उसकी सबसे बड़ी विशेषता है।
हिन्दी दिवस के अवसर पर तीसरे सेमेस्टर की छात्रा प्रियंका कुमारी ने अपनी स्वयं रचित कविता सुनाकर उपस्थित जनों का मन मोह लिया। बी.एड. की छात्राएँ तान्या कुमारी, निकिता कुमारी, नेहा कुमारी और अंकिता कुमारी द्वारा प्रस्तुत नृत्य ने भी कार्यक्रम को जीवंत बना दिया।
कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण प्रसिद्ध रंगकर्मी दिनकर शर्मा की प्रस्तुति रही। “पक्षी और दीमक” एवं “मेरे होने का मतलब” नाट्य प्रस्तुत कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके प्रभावशाली अभिनय ने उपस्थित सभी को भावविभोर कर दिया, यहाँ तक कि कुछ विद्यार्थियों की आँखें भी इस नाटक को देखकर नम हो गईं।

इस अवसर पर आर.एम.एस. बालिचेला के विद्यार्थी एवं शिक्षक भी आमंत्रित किए गए थे। विशेष रूप से यह उल्लेखनीय रहा कि आमंत्रित शिक्षकों में कई डी.बी.एम.एस. कॉलेज ऑफ़ एजुकेशन के बी.एड. पूर्वछात्र रहे हैं, जिससे आयोजन में एक भावनात्मक जुड़ाव दिखाई दियाl कार्यक्रम के सफल समापन पर धन्यवाद ज्ञापन नीलू कुमारी ने प्रस्तुत किया। अपने धन्यवाद उद्बोधन में उन्होंने अतिथियों, प्राचार्या, उपप्राचार्या, अध्यापकों तथा विद्यार्थियों सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।
इस सफल आयोजन की ओवरऑल इंचार्ज डॉ. मीनाक्षी चौधरी, साहित्यिक क्लब की संयोजक रहीं। कार्यक्रम की सफलता में महाविद्यालय की सचिव श्रीमती श्रीप्रिया धर्मराजन, संयुक्त सचिव श्रीमती सुधा दिलीप, प्राचार्या डॉ. जूही समर्पिता, उप-प्राचार्या डॉ. मोनिका उप्पल, शिक्षकों, अशैक्षणिक एवं सहयोगी कर्मचारियों का विशेष योगदान रहा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *