
मानगो निवासी तंजीर खान नामक युवती को चक्कर आने पर परिजन इलाज के लिए इमरजेंसी लेकर पहुंचे। इसी दौरान उसकी हालत अचानक बिगड़ी और वह गिर पड़ी। चिकित्सकों ने प्राथमिक जांच के बाद बताया कि स्थिति गंभीर नहीं है और उसे ओपीडी में दिखाना होगा। इस पर स्वजन भड़क उठे और सवाल किया कि यदि हालत सामान्य थी तो वे इमरजेंसी क्यों आते डॉक्टरों का कहना था कि इमरजेंसी विभाग में केवल गंभीर मरीजों को ही भर्ती किया जाता है। इसी बात पर परिजनों और डॉक्टरों के बीच तीखी नोकझोंक शुरू हो गई। स्थिति इतनी बिगड़ी कि कुछ डॉक्टर ड्यूटी छोड़कर चले गए। हालांकि, मौके पर तैनात होमगार्ड जवानों के हस्तक्षेप से मामला शांत कराया गया और डॉक्टर वापस लौटे घटना की जानकारी मिलते ही अधीक्षक डॉ. आरके मंधान और उपाधीक्षक डॉ. नकुल प्रसाद चौधरी मौके पर पहुंचे। अधीक्षक ने बताया, “मुझे जैसे ही सूचना मिली कि इमरजेंसी में डॉक्टर नहीं हैं, मैं तुरंत पहुंचा। लेकिन परिजन मुझ पर ही चिल्लाने लगे। इस तरह की उग्रता से इलाज संभव नहींवहीं, मरीज के स्वजनों का आरोप था कि इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों का व्यवहार उचित नहीं था। डॉक्टरों की तेज आवाज और बार-बार समझाने के बावजूद उचित प्रतिक्रिया न मिलने से उनका गुस्सा बढ़ गया। अंतत नाराज परिजन मरीज को अस्पताल से बाहर ले गए
