झारखंड में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है जिससे किसानों के चेहरों पर खुशी है वहीं शहरी जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. इसने सरकारी मशीनरी की पोल खोलकर रख दी है

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नगरीय जीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. जमशेदपुर की अगर हम बात करें तो लगातार हो रहे बारिश की वजह से कंपनी कमांड एरिया को छोड़कर गैर कंपनी इलाकों में भारी तबाही का मंजर सामने आया. जहां ध्वस्त हो चुके ड्रेनेज सिस्टम की वजह से लोगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. रिहायसी कॉलोनी हो या झुग्गी झोपड़ी हर कोई ध्वस्त ड्रेनेज सिस्टम से प्रभावित हुआ है. गुरुवार को बैंकबिल और चांडिल डैम के फाटक खोले जाने के बाद शहर में बाढ़ के पानी ने प्रवेश कर लिया है. शहर की दोनों प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर जा चुकी है. इधर मानगो ओल्ड पुरुलिया रोड मैं जल जमाव की भेंट एक गरीब सिक्योरिटी गार्ड चढ़ गया. बताया जा रहा है कि संजय वर्मा बाढ़ से बचने के लिए अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचने के बाद सड़क पार कर रहे थे. सड़क पर जल जमा होने के कारण उन्हें गड्ढे का अनुमान नहीं हुआ और वह उसी में गिर गए. स्थानीय लोगों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाने का प्रयास किया मगर उन्हें बचाया नहीं जा सका. वे श्रीनाथ होम्स में सिक्योरिटी गार्ड का काम करते थे. उनके परिवार में दो बेटी और दो बेटा है इन्हीं के भरोसे पूरा परिवार चलता था. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा देने की मांग की है.

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