
जमशेदपुर : संकल्प, सेवा, सहयोग, समर्पण से ओतप्रोत सामाजिक संस्था प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन का सम्मान समारोह रविवार को बिस्टुपुर के माइकल जॉन प्रेक्षागृह में आयोजित किया गया. यह सम्मान समारोह महज एक कार्यक्रम नहीं बल्कि हजारों लोगों की भावनाओं और उनके संकल्पों को प्रदर्शित करने का एक माध्यम था. 20 वर्ष से भी ज्यादा समय से पूरे कोल्हान में सामाजिक सेवा की एक अलग रेखा खिंचने वाले टीम पीएसएफ ने यह सम्मान समारोह देश में औद्योगिक क्रांति को मजबूती प्रदान करने वाले लौह पुरुष रतन टाटा, पहलगाम की घटना में मारे गये लोगों और सिंदूर की लाज रखने वाले देश के शौर्य भारतीय सेना के नाम समर्पित किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर विधायक पूर्णिमा साहू, एसएसपी कौशल किशोर, आईएएस स्मिता नागेसिया व जेबीसी की चेयरमैन रुचि नरेंद्रन, स्पेशल मजिस्ट्रेट मृत्युंजय कुमार सचिव नलिनी राममूर्ति, समाजसेवी डोलन डे, आस्तिक महतो, आरके मिशन से रंजीत महाराज, पीएसएफ के चेयरमैन पुलक कुमार सेनगुप्ता समेत अन्य अतिथियों से मंच सुशोभित हुआ. वहीं विभिन्न सामाजिक संगठन, सहयोगी संस्थाएं, 80 से ज्यादा पत्रकारों, वॉलेंटियर समेत 300 से ज्यादा लोगों को सम्मानित किया गया..
श्रद्धांजलि से कार्यक्रम का शुभारंभ
कार्यक्रम का शुभारंभ पहलगाम घटना में मारे गए लोगों और ऑपरेशन सिंदूर में शहीद हुए देश के वीर जवानों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर और श्रद्धांजलि देकर किया गया. तत्पश्चात अतिथियों ने दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत की. कार्यक्रम का संचालन पीएफएफ के निदेशक अरिजीत सरकार और पत्रकार अंतरा बोस ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन जमशेदपुर ब्लड सेंटर के जीएम संजय चौधरी ने दिया.
निदेशक ने रखी अपनी बात
टीम पीएसएफ के निदेशक अरिजीत सरकार ने संक्षेप में प्रतीक संघर्ष फाउंडेशन के यात्रा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि किस तरह उनकी टीम शहर से लेकर सुदूरवर्ती गांव तक निरंतर 24 क्षेत्र में कार्य कर रही है. उन्होंने कार्यक्रम की परिकल्पना और उसे देश के नाम समर्पित करने की वजह को भी सभी सामने रखा. सभी ने उनकी भावनाओं की सराहना की.