
चांडिल। डैम में पर्यटन विभाग के द्वारा एजेंसी के माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स करने का चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वावलंबी सहकारी समिति विस्थापित ने विरोध जताया है। चांडिल बांध विस्थापित मत्स्यजीवी स्वाबलंबी सहकारी समिति चांडिल ने मंगलवार नौका विहार में प्रेस कांफ्रेंस आयोजित कर कहा कि पुनर्वास नीति 2003 और 2012 में चांडिल डैम में मछली पालन और पर्यटन से विस्थापितों को स्वरोजगार कराने की बात कही गई है। समिति के अध्यक्ष नारायण गोप ने कहा कि झारखंड राज्य पर्यटन विकास निगम डैम के विस्थापितों का हक लूटने की साजिश कर रहा है। विभाग ने बोट संचालन के लिए एजेंसियों से 15 जनवरी को निविदा आमंत्रित की थी। एजेंसी से वाटर स्पोर्ट्स कराने के निर्णय के खिलाफ समिति कोर्ट का दरवाजा खटखटाने को विवश है। समिति के सचिव श्यामल मार्डी ने कहा पर्यटन विभाग की ओर से डैम में विकास का कोई काम नहीं किया गया है। चांडिल क्षेत्र में प्रदुषण से लोग परेशान हैं। इस और न स्थानीय जनप्रतिनिधि प्रतिनिधि ध्यान दें रही है न ही विभाग के लोग। उन्होंने कहा सरकार को विस्थापित बेरोजगारों का रोजगार लूटने के बजाय विस्थापितों के बकाया मुआवजा का भुगतान करने कि और ध्यान देने की जरूरत है।