सेवइयां बनारस की हो तो बात ही अलग है. दरअसल बनारस की सेवइयों की डिमांड यूपी ही नहीं खाड़ी देशों तक है. वाराणसी में सेवइयां बनाने का इतिहास लगभग 100 साल से ज्यादा पुराना है. वाराणसी में लगभग 60-70 कारखाने हैं. जिनमें दो हजार से ज्यादा परिवार जुड़े हैं. 60 करोड़ के ज्यादा का टर्नओवर होता है.
सेवई बनाने का काम मिश्रित आबादी (हिंदू-मुस्लिम) समुदाय के लोग करते हैं. ईद के मौके पर सेवइयों की डिमांड बढ़ जाती है. मानगो रोड नंबर 1 के रहने वाले मोहम्मद अरफातुल के अनसुार पिछले साल की अपेक्षा मैदा और घी इस साल महंगा है. इसके बावजूद हम लोगों ने रेट नहीं बढ़ाया है डिमांड बढ़ने पर कारीगर रखते है जाते हैं. बाकि दिनों में ड्राई फल बेचते है
