
बुंडू अनुमंडल के राहे प्रखंड सभागार में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने क्षेत्रीय ग्राम प्रधान और जन प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की ।इस बैठक का उद्देश्य अवैध अफीम की खेती और विक्रय को लेकर जागरूकता फैलाना था. बैठक मे अफीम के दुष्प्रभाव और इसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के बारे में विस्तृत जानकारी दी. अफीम की खेती को समाज और कानून के लिए एक गंभीर अपराध बताया गया, जिससे न केवल समाज, बल्कि क्षेत्र की सामाजिक संरचना को भी नुकसान हो रहा है ।बैठक में पंचायत के मुखिया, उपमुखिया, वार्ड सदस्य और 30 से अधिक गांवों के ग्राम प्रधान शामिल हुए. स्थानीय लोगों ने अपने गांव और आसपास के क्षेत्रों में लगाई गई अफीम की खेती को स्वयं नष्ट करने का निर्णय लिया. इसके अलावा, भविष्य में अफीम की खेती न करने की शपथ भी ली गई ।एसडीओ किस्टो कुमार बेसरा ने इस अवसर पर कहा कि क्षणिक लाभ के लिए अवैध गतिविधियों में शामिल होना समाज के लिए हानिकारक है. उन्होंने स्थानीय लोगों से आग्रह किया कि वे अफीम की खेती को नष्ट कर दें और वैकल्पिक खेती की ओर रुझान दिखाएं वही बुंडू और सिल्ली एसडीपीओ ने कहा कि अगर ग्रामीण अफीम की खेती नष्ट करने में विफल रहते हैं तो पुलिस द्वारा कार्रवाई की जाएगी. अफीम की खेती या विक्रय करने वालों के खिलाफ एनडीपीएस (नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रॉपिक सब्सटांसेस एक्ट) के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी, जिसमें कठोर सजा का प्रावधान है ।