10 से 25 अगस्त तक चलेगा फाइलेरिया उन्मूलन अभियान-सिविल सर्जन ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहनों को किया रवाना

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1536180 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने का लक्ष्यचाईबासा: 10 से 25 अगस्त के बीच पश्चिमी सिंहभूम जिले के 15 लाख 36 हजार 180 लोगों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाई जाएगी। इसके लिए व्यापक स्तर पर प्रचार प्रसार किया जा रहा है। चाईबासा सदर अस्पताल परिसर से सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल और जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ मीना कालुंडिया ने हरी झंडी दिखाकर जागरूकता वाहनों को रवाना किया। इन वाहनों के माध्यम से जिले के सभी 18 प्रखंडों और 15 सीएचसी स्तर पर प्रचार प्रसार करते हुए लोगों को फाइलेरिया से बचाव के लिए दवा खाने के लिए प्रेरित किया जाएगा। 10 अगस्त को पूरे जिले में बूथों पर लोगों को मलेरिया रोधी दवायें जैसे डीईसी, एलबेंडाजोल और आइवरमेक्टिन की खुराक खिलाई जाएगी। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से सारी तैयारियां पूरी कर ली गई है। सिविल सर्जन डॉ साहिर पाल ने कहा कि फाइलेरिया के परजीवी का शरीर केअंदर जाने के लंबे समय बाद अपना असर दिखाना शुरू करते हैं। जब तक बीमारी का पता चलता है तब तक बहुत देर हो जाती है। इलाज संभव नहीं हो पता है। इससे बचाव का एकमात्र उपाय है फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन। उन्होंने पूरे जिले के लोगों से अपील किया कि सभी लोग दवा का सेवन करें, ताकि इस खतरनाक बीमारी से बचा जा सके।डॉ साहिर पाल, सिविल सर्जन, पश्चिमी सिंहभूम जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ मीना कालुंडिया ने पत्रकारों को जानकारी देते हुए बताया कि पूरे जिले में फाइलेरिया रोधी दवा खिलाने के लिए 2509 बूथ बनाए गए हैं। 5017 प्रशिक्षित दवा प्रशासकों को तैनात किया गया है। 481 पर्यवेक्षकों द्वारा घर-घर जाकर अपने सामने सभी लोगों को मुफ्त में दवा खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दावा नहीं दी जाएगी। डॉ कालुंडिया ने बताया कि इस दवा का सेवन खाली पेट नहीं करना है। दवा खाने के बाद यदि किसी तरह की परेशानी होती है तो ऐसी स्थिति से निपटने के लिए 16 प्रशिक्षित रैपिड रिस्पांस टीम द्वारा त्वरित उपचार किया जाएगा।

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