बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग द्वारा वीणा रानी श्रीवास्तव की जयंती पर एक कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया.

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पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग द्वारा वीणा रानी श्रीवास्तव की जयंती पर एक कहानी लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इस वर्ष भी बाल कहानियां और बाल कविताएं राष्ट्रीय स्तर पर आमंत्रित की गई थी. इन कहानियों और कविताओं का संकलन ‘संवरता बचपन’ का संपादन डॉ मुदिता चन्द्रा ने किया है जिसका लोकार्पण 4 अगस्त को किया जाएगा. बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग द्वारा आयोजित राष्ट्रीय बाल कहानी लेखन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार ‘वैदुष्यमणि वीणा रानी श्रीवास्तव पुरस्कार ‘ साहित्यकार मीनू त्रिपाठी को दिया जाएगा. कथा लेखिका मीनू त्रिपाठी की अब तक तीन सौ से अधिक कहानियाँ, बाल कहानियाँ और लघुकथाएँ देश की प्रख्यात राष्ट्रीय व साहित्यिक पत्रिकाओं एवं समाचार पत्रों में प्रकाशित हो चुकी हैं. हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार के ‘हिंदी संस्थान’ द्वारा 2020 के सर्जना पुरस्कार के लिए इन्हें चुना गया।”मैं न कहती थी” मीनू त्रिपाठी का पांचवां कहानी संग्रह है जो वर्तमान सामाजिक परिवेश का दर्पण है। वृक्ष मित्र वीर- सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार के प्रकाशन विभाग द्वारा प्रकाशित हो चुका है. पानी का बदला,नल तो ठीक है,दादी की छड़ी- गुनगुन और गौरैया- नेहरू बाल साहित्य अकादमी, जयपुर के तत्वावधान में साहित्यागार प्रकाशन द्वारा प्रकाशित हो चुकी कहानियां हैं. इनकी बाल रचनाएं सी बी एस ई तथा आई सी एस सी की विभिन्न कक्षाओं के पाठ्यक्रम में शामिल किए गए हैं .सी.बी.एस.ई की हिंदी पुस्तक “उद्भव” सीरीज का पुनरावलोकन व संपादन का कार्य भी इन्होंने किया है. विभिन्न साहित्यिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों में विशिष्ट अतिथि तथा निर्णायक मंडल में सम्मिलित हो चुकी हैं। एक सैन्य अधिकारी की पत्नी होने के कारण सेना के विभिन्न सामाजिक और रचनात्मक कार्यक्रमों में प्रतिभागिता कर चुकी हैं साथ ही विभिन्न साहित्यिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफल संचालन करती रहती हैंवर्तमान में नोएडा में रहकर लेखन कार्य एवं विभिन्न साहित्यिक कार्यक्रमों में सहभागिता कर साहित्य सेवा कर रहीं हैं। वैदुष्यमणि वीणा रानी श्रीवास्तव सम्मान प्राप्त करने वे जमशेदपुर पहली बार आ रही हैं. उनका कहना है कि 11 हज़ार की सम्मान राशि से अधिक महत्त्वपूर्ण है उनके लिए झारखंड के साहित्यकारों से मिलना. 4 अगस्त को कला कृति सभागार कदमा में पुरस्कार लेने उनके साथ उनके साहित्यकार पति कर्नल प्रवीण त्रिपाठी भी आ रहें हैं. विद्वान प्रतिष्ठित साहित्यकार दंपति के स्वागत के लिए बहुभाषीय साहित्यिक संस्था सहयोग के सदस्य जोर शोर से तैयारी कर रहे हैंराष्ट्रीय बाल कविता प्रतियोगिता के लिए भी पूरे देश से प्रविष्टियां आमंत्रित की गई थी जिनका प्रकाशन ‘संवरता बचपन ‘ संकलन में किया गया है. लौह नगरी जमशेदपुर के लिए अति गौरवशाली दिन होगा जब प्रतिष्ठित कवयित्री डॉ कल्याणी कबीर को राष्ट्रीय स्तर पर चयनित बाल कविता के लिए पुरस्कृत किया जाएगा. डॉ कल्याणी कबीर के काव्य संकलन गीली धूप से इन्हें काफी ख्याति मिली. डॉ कल्याणी कबीर ने शिक्षा, और हिंदी में स्नातकोत्तर किया और हिंदी में पी.एच. डी रांची विश्वविद्यालय से किया है इनके शोध का विषय था हिंदी- छायावादोत्तर महाकाव्य की परंपरा । डॉ कल्याणी का शिक्षण अनुभव लगभग वर्ष का है. गीली धूप,मन की पगडंडी,आरोहण इनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं. प्रतिष्ठित कवयित्री डॉ कल्याणी को जमशेदपुर दिनकर सम्मान, जमशेदपुर नर्मदा सम्मान, मध्य प्रदेश नारी शक्ति सम्मान,दिल्ली पटना साहित्य सम्मेलन सम्मान इत्यादि से नवाजा गया है. .आकाशवाणी जमशेदपुर की उद्घोषणा और सफल मंच संचालन के लिए कल्याणी कबीर अनेक राज्यों में आमंत्रित की जाती हैं. अनेक साहित्यिक संस्थाओ और सामाजिक संगठनों से जुड़ी कवयित्री कल्याणी कबीर को इस वर्ष डॉ वीणा रानी श्रीवास्तव प्रभा सम्मान दिया जाएगा . इस प्रतिष्ठित सम्मान के साथ 1 1 हज़ार की राशि भी प्रदान की जाएगी. डॉ कल्याणी कबीर ने बताया कि यह सम्मान उनके लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि यह उन्हें अपनों द्वारा अपनों के बीच मिल रहा है. अपने सहयोग परिवार द्वारा अभिनंदीत होना अतिरिक्त प्रसन्नता का कारण है.

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