टाटा स्टील की मनमानी के खिलाफ सर्वदलीय जन एकता मंच की ओर से जिला मुख्यालय पर एकदिवसीय भूक हड़ताल सह धरना प्रदर्शन किया गया.

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इसको लेकर मंच के संयोजक संजीव आचार्य ने बताया कि उपायुक्त, पूर्वी सिंहभूम सहित लगभग सभी वरीय पदाधिकारियों को सूचित किया गया है, कि किस तरह से एक माननीय एवं टाटा स्टील की सहयोगी इकाई जुस्को कंपनी के वर्तमान कार्यरत पदाधिकारियों द्वारा बिना जिला प्रशासन, अंचल पदाधिकारी सहित प्रशासनिक अनुमति के बगैर रातों- रात 100 साल पुराने कदमा स्थित केडी फ्लैट मेन रोड एवं आउटर सर्किल तीनों रोड को रातों- रात ग्रिल दीवार, बाउंड्री लगाकर बंद कर दिया गया है, जिससे कदमा स्थित लगभग डेढ़ लाख लोगों की यातायात बाधित हो चुका है. उन्होंने बताया कि आस- पास 10 से ज्यादा स्कूल, नर्सिंग होम, सैकड़ों बस्ती, दुकान, मकान, सैकड़ों से ज्यादा फ्लैट्स एवं आम जनमानस को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. इस मामले का अभी तक निष्पादन नहीं हो पाया है. बीते 5 जुलाई 2024 को पुनः कदमा स्थित मेन रोड गोल चक्कर के समीप पुराना फूड प्लाजा मंत्री बन्ना गुप्ता के घर के बगल में लगभग 40 फीट X 15 फीट सार्वजनिक जगह पर दिनदहाड़े जिला प्रशासन, टाटा स्टील प्रबंधक, लैंड डिपार्मेंट, अंचल पदाधिकारी, अप नगर आयुक्त, जमशेदपुर अक्षय के आदेश के बगैर रातों- रात शेड डालकर फ्लोर ढलाई कर दुकान/ मकान / ऑफिस बनाया जा रहा है. वहीं दूसरी तरफ गरीब दुकानदार, ठेलावाला, वेंडर और सब्जी वालों को जबरन रोड किनारे से हटाया जा रहा है. बिना प्रशासनिक अनुमति के सैकड़ो पेड़ों को काटा जा रहा है, रोड रास्ता चौड़ीकरण के नाम पर. कदमा उलियान स्थित नील सरोवार बांध जो आदिवासी, मूलवासी का आस्था का केन्द्र है, उसके यथाशीघ्र रसूखदारों से कब्जा मुक्त कराने. कदमा बाजार फार्म एरिया दुर्गापूजा मैदान के बगल में अवैध निर्माण कार्यों की जांच कर अविलंब प्रशासनिक कार्रवाई करनेकी मांग की है. उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन के लिखित अनुमति के बगैर इस तरह से निर्माण कार्य किया जा रहा है, जो सरासर गलत एवं गैर कानूनी है. आम जनमानस इसका विरोध करता हैं एवं अति शीघ्र जांच कर अवैध रूप से बन रहे इस निर्माण को रोका जाय एवं पिछले 5 माह से बंद पड़े कदमा केडी फ्लैट के तीनों सार्वजनिक रोड को खोला जाए, जिससे क्षेत्र के रहने वाले जन समुदाय पहले की तरह आना-जाना कर सकें. उन्होंने कहा कि अगर जनहित के जायज मांगों को अविलंब पूरा नहीं किया जाता है तो, हम क्षेत्र के लोगों को लेकर आंदोलन करने के लिए बाध्य हो जाएंगे जिसकी सारी जवाबदेही जिला प्रशासन एवं राज्य सरकार की होगी.

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