
इनके द्वारा धालभूम अनुमंडल पदाधिकारी को एक मांग पत्र भी सौंपा गया है. इनके अनुसार पूर्व मे कंपनी से निकलने वाले स्लैग पर तमाम स्लैग पीकर्स का अधिकार था और उसी से बोल्डर आदि चुनकर तमाम स्लैग पीकर्स अपना और अपने परिवार का भरण पोषण करते थे, लेकिन विगत कुछ वर्षो से कंपनी के कुछ अधिकारीयों के मिली भगत से स्लैग को निजी ठेकेदारों को सौंपा जा रहा है, जिससे स्लैग पीकर्स का रोजगार बंद हो गया है, और तक़रीबन एक हजार स्लैग पीकर्स व उनके परिवार भुकमरी की स्तिथि मे आ चुकी है, इन्होने मांग उठाई है की पुरानी वयवस्था को फिर से लागु किया जाए ताकि तमाम स्लैग पीकर्स की रोजी चल सके.