
जमशेदपुर
इसमें प्रभु जगन्नाथ को देव स्नान कराया गया. साथ में खट्टा प्रसाद खिलाया गया. इससे भगवान जगन्नाथ बीमार होकर स्वास्थ्य लाभ के लिए अन्नसरगृह में चले गए. पारंपरिक रीति- रिवाज के अनुसार देव स्नान पूर्णिमा पर प्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र एवं बहन शुभद्रा की पूजा- अर्चना कर देव स्नान कराया गया. आयोजित धार्मिक अनुष्ठान के तहत सुगंध मिश्रित 108 कलश के पवित्र जल से पुजारी ने प्रभु को देव स्नान कराया. इसके बाद प्रभु जगन्नाथ, दाउ बलभद्र एवं बहन शुभद्रा का श्रृंगार कर उन्हें मंदिर स्थित सिंहासन पर विराजमान कराते हुए भक्तों ने प्रभु की पूजा- अर्चना की. पूजा-अर्चना के बाद प्रभु को खीर- खिचड़ी व खट्टा आमड़ा से बनी सब्जी का प्रसाद चढ़ाया गया. खट्टा प्रसाद खाते ही प्रभु बीमार हो गए और स्वास्थ्य लाभ के लिए पंद्रह दिनों के लिए प्रभु मंदिर स्थित अन्नसर गृह में चले गए. इस दौरान जगन्नाथ पूजन के लिए पंद्रह दिनों तक मंदिर का कपाट बंद रहेगा. अस्वस्थता के दौरान प्रभु का उपचार की परंपरा निभाई जाएगी. परंपरा के अनुसार माली परिवार द्वारा विशेष औषधि की दो खुराक का सेवन प्रभु को कराया जाएगा. दवा का सेवन कर प्रभु स्वस्थ्य हो जाएंगे. प्रभु 7 जुलाई को नेत्र उत्सव में भक्तों का दर्शन देंगे उसी दिन महाप्रभु जगन्नाथ अपने मौसी के घर के लिए निकलेंगे. इस साल इसका आरंभ 07 जुलाई और समापन 16 जुलाई को होगा.
